सोमवार, 27 अप्रैल 2020

बुजुर्गों के लिए हल्दी और मिर्च पिसवाएगी , टूटा चश्मा भी ठीक करवाएगी-पुलिस

राजगढ़. कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बीच पुलिस आम लोगों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास करने में जुटी है. विभिन्न राज्यों से पुलिस के जवानों की ऐसी खबरें रोज आ रही हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के राजगढ़ की पुलिस ने अनोखा कदम उठाया है. राजगढ़ पुलिस (Rajgarh Police) ने लॉकडाउन के दौरान आम लोगों के साथ-साथ बुजुर्ग नागरिकों (Senior Citizens) का खास ख्याल रखने को योजना बनाई है."वरिष्ठ नागरिक पुलिस पंचायत" के तहत



जिले के पुलिस कप्तान प्रदीप शर्मा ने बुजुर्गों की मदद के लिए अलग से स्टाफ की तैनाती की है. महिलाओं की मदद के लिए हर एक थाने में एक एक महिला पुलिसकर्मी को नोडल अधिकारी भी बनाया गया है, जिनके मोबाइल नंबर पर फोन लगाकार बुजुर्ग व्यक्ति बेहिचक अपनी परेशानी बता सकता है. ये स्टाफ बुजुर्गों का चश्मा ठीक कराने, राशन-सब्जी लाने और यहां तक कि हल्दी-मिर्च जैसे मसाले पिसवाने का काम भी करेंगे.


 


पुलिस विभाग बोला-ई-मेल पर करो काम,कोरोना को कहो बाय-बाय

भोपाल. एमपी (mp) में पुलिस मुख्यालय (phq) हो या फिर पुलिस थाना. इन सभी जगहों पर पुलिस अधिकारी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव (corona positive)  पाए गए हैं. पुलिस विभाग में कोरोना संक्रमण की चेन बन गयी है. इस चेन को ब्रेक करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने गाइड लाइन जारी की हैं, जिस पर अमल शुरू हो गया है. विभाग में सारा काम ई-मेल(e-mail) पर हो रहा है. पुलिस अधिकारी कर्मचारी एक दूसरे के सीधे संपर्क में ना आएं इसके लिए तमाम पत्राचार का अब ईमेल के जरिए किया जा रहा है.



भोपाल और इंदौर में खासतौर से पुलिस अपना अधिकांश काम ईमेल के जरिए कर रही है. जिलों के पुलिस हेड क्वार्टर, पुलिस लाइन, एडीजी ऑफिस, डीआईजी ऑफिस, एसपी ऑफिस, एडिशनल एसपी ऑफिस, सीएसपी ऑफिस के तमाम काम ई-मेल के ज़रिए किए जा रहे हैं. इसके अलावा छोटी मोटी जानकारी के लिए फोन पर संपर्क कर उसे हल करने की कोशिश की जा रही है. थाना स्तर पर जो काम पहले ईमेल से होते थे वो भी अब ई-मेल से हो रहे हैं. जो जरूरी काम है उनके लिए जरूर पुलिसकर्मी पत्राचार करते हैं. लेकिन यह काम ना के बराबर हो रहे हैं. ई-मेल पर काम करने से काम में तेजी आई है.

संक्रमण के मामले में पुलिस दूसरे नंबर पर
कोरोना वायरस के आंकड़ों पर नजर डालें तो भोपाल और इंदौर में सबसे ज्यादा संक्रमण स्वास्थ विभाग में फैला है. उसके बाद दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग है. थानों में पुलिसकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद तमाम उपाय जरूर किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस विभाग में संक्रमण फैलने का खतरा अभी भी बना हुआ है.

पीएचक्यू में भी कोरोना का डर
पुलिस मुख्यालय स्थित स्पेशल ब्रांच के एक कांस्टेबल और राज्य स्तरीय महिला हेल्पलाइन की एक महिला कॉन्स्टेबल के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद पुलिस मुख्यालय में भी हड़कंप है. यहां के कर्मचारियों के सैंपल लेकर उनकी जांच कराई जा रही है. कुछ दिन पहले ही स्पेशल ब्रांच के एक कांस्टेबल की कोरोना वायरस की रिपोर्ट आई थी. महिला हेल्पलाइन की एक महिला कॉन्स्टेबल के पॉजिटिव आने के बाद हेल्पलाइन ऑफिस में सिर्फ तीन या चार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा ईओडब्ल्यू के चीफ राजीव टंडन के ड्राइवर के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद पूरे ऑफिस को सील कर दिया गया है.इन दफ्तरों में भी अब काम ई-मेल से हो रहा है.


लॉकडाउन में कम हो गए अपराध, लेकिन आगे आने वाली है बड़ी चुनौती!


 







नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरे देश में 40 दिन का लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है. ऐसे में देश के कई हिस्सों से अपराध (Crime) के ग्राफ में कमी की खबर है. मारपीट, चेन स्नैचिंग, वाहन चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, रंगदारी, आत्महत्या सहित कई प्रकार के आपराधिक वारदातों के मामलों पर नजर डालें तो इसके ग्राफ में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान यूपी-बिहार (UP-Bihar) जैसे कुछ राज्यों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं. इसके बावजूद पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले की तुलना में सभी प्रकार के अपराध में 75 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में बेरोजगारी की वजह से अपराध की चुनौती बढ़ सकती है.



लॉकडाउन के दौरान अपराध में कमी
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध शाखा रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के मुताबिक, 'देश में हर साल तकरीबन 30 हजार लोगों की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाते हैं. लेकिन, लाकडॉउन के दौरान इनमें काफी कमी आई है. अनुमान है कि लॉकडाउन के दौरान हत्या के दर्ज मामलों में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की कमी आई है. फिलहाल अभी कोई डाटा नहीं है. आत्महत्या के मामले में भी काफी कमी आई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण अपराध के मामले में लोगों को घर में रहने का फायदा मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान अपराध में कमी की मूल वजह पुलिस की चौकसी है. लॉकडाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में जुटी पुलिस हर जगह तैनात है. इस वजह से भी अपराध कम हो रहे हैं. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ पुलिस अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में भी जुटी है. इसी वजह से ये सुखद आंकड़े दिख रहे हैं. हालांकि, यह स्थायी समाधान नहीं है. किसी व्यक्ति को घर में रख कर अपराध पर काबू पा नहीं सकते. लॉकडाउन से पहले या बीच में भी अन्य राज्यों से कई लोग आए हैं. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी लोग आएंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में उन लोगों के सामने रोजगार का संकट सामने खड़ा होने वाला है. इस स्थिति में पुलिस को ज्यादा चौकस रहना पड़ेगा.



ग्रामीण इलाकों का क्या है हाल
अगर बात देश की ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो वहां भी अपराध में काफी कमी आई है. एक-दो घटनाओं को छोड़ दें तो ग्रामीण इलाकों में शांति है. बिहार के बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड के एसएचओ दिनेश कुमार कहते हैं, लॉकडाउन के दौरान पहले की तुलना में अपराध काफी कम हो गए हैं. थाने में अब एफआईआर भी कम दर्ज हो रही है. पहले महीने में 15-20 एफआईआर दर्ज होती थी. वहां पर बीते एक महीने में सिर्फ 5 ही हुई है.'

कुछ जिलों में अपराध बढ़े
हालांकि, लॉकडाउन के दौरान बिहार के कुछ जिलों से अपराध की खबरें भी आ रही हैं. बीते कुछ घंटों में ही बेगूसराय में चार लोगों की हत्या कर दी गई है. जहानाबाद जैसे जिले भी हैं, जहां पर चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका कारण माना जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से लोग एक जगह फंसे हुए हैं. ऐसे में कई गांवों के घर बंद हैं, जिसका फायदा चोर उठा रहे हैं.








दूसरे राज्यों में 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जाएगा,मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ :- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले से प्रदेश के 10 लाख से भी ज्यादा परिवारों को राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को फैसला लिया था कि दूसरे राज्यों में 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जाएगा। । प्रदेश के सबसे ज्यादा श्रमिक महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में काम करते हैं। इनकी संख्या एक मोटे अनुमान के मुताबिक 10 लाख के आसपास है।


हरियाणा में फंसे मजदूर लाए जा सकते हैं सबसे पहले


श्रमिकों को वापस लाने की कवायद के तहत पहले चरण में शनिवार से हरियाणा से लगभग 11 हजार श्रमिक लाए जाएंगे। हरियाणा से आने वाले मजदूरों को 14 दिन के क्वारंटीन में रखने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 दिन बाद जब इन्हें घर भेजा जाए तो इनके साथ खाद्यान्न का पैकेट भी भेजा जाए। अगले 2 माह के अंदर प्रदेश में 5 से 10 लाख श्रमिकों के लौटने की सम्भावना है। ऐसे में इनके लिए शेल्टर होम्स स्थापित कर वहां क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोग क्वारंटीन से भागने न पाएं।



लॉकडाउन को लेकर क्या है योगी सरकार का प्लान, इन जिलों में मिल सकती है राहत

लखनऊ :- यूपी में कोरोना वायरस के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकार लॉकडाउन में किसी भी तरह से ढील देने के मूड में नहीं है। हालांकि शासन स्तर पर इस मामले में मंथन चल रहा है कि उन जिलों पर पहले फोकस किया जाए जहां कोरोना के मामले कम है। अधिकारियों की बैठक में तय हुआ है कि जिन जिले में एक भी केस नहीं मिले या जहां दस से कम कोरोना के मामले आए हैं वहां ध्यान दिया जाए और वहां औद्योगिक गतिविधियां जल्द शुरू हो सकती हैं। इस तरह करीब 45 जिलों में छोटी बड़ी औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं।



शनिवार तक इन जिलों में एक भी केस नहीं


अमेठी, फर्रुखाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट , सिद्धार्थनगर ,कानपुर देहात, फतेहपुर, , कुशीनगर, देवरिया, बलिया, चंदौली व सोनभद्र। शनिवार तक आए केस के मुताबिक यह जिले चिन्हित हुए हैं।


10 या उससे कम केस वाले जिलों में उद्योगों पर खास फोकस


हाथरस, मथुरा, एटा, कासगंज, मैनपुरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, कन्नौज, इटावा, बांदा, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महराजगंज, आजमगढ़, मऊ जौनपुर, गाजीपुर , गोरखपुर, संतरविदास नगर व मिर्जापुर।


10 से ज्यादा केस वाले जिलों में लाकडाउन का कराया जा रहा सख्ती से पालन


शासन में उच्चस्तरीय बैठक में कहा गया कि 10 से ज्यादा केस वाले जिलों में लाकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। ऐसे में वहां औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने में खासी मुश्किलें आएंगी। असल में विडम्बना यह है कि सर्वाधिक उद्योग वाले पश्चिमी यूपी के लगभग सभी जिले कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हैं जबकि इस मामले में बुंदेलखंड बहुत बेहतर स्थिति में हैं। पश्चिमी यूपी जैसा हाल मध्य यूपी का है। बेहतर स्थिति में अपेक्षाकृत पूर्वांचल है। 


जहां ज्यादा केस वहां जारी रहेगा लॉकडाउन, पीएम मोदी का सन्देश

कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन खोलने को लेकर चर्चा की और कहा कि इसपर एक नीति तैयार करनी होगी, जिसपर राज्य सरकार को विस्तार से काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति तैयार करें और किस तरह लॉकडाउन को खोला जाए। इसमें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में राज्य अपने इलाकों में लॉकडाउन को खोला जा सकता है।



जिन राज्यों में अधिक केस है, वहां लॉकडाउन जारी रहेगा, जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी।पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं। 


 


जनार्द इंडियन गैस एजेंसी सेमरी जंघई की तरफ से 21000 का सहायता राशि

 जनार्द इंडियन गैस एजेंसी सेमरी, जंघई, जौनपुर के संतोष कुमार सिंह द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत गरीबों, असहायों एवं निराश्रितों के सहायतार्थ इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम से 21000 रूपये का चेक जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को दिया गया गया।


मलिन बस्ती में बांटे गए उद्भव संस्था के राशन किट

संस्थापक, उद्भव संस्था/प्रोजेक्ट साइंटिस्ट आईआईटी दिल्ली मानवी अजीत सिंह व राहुल चौधरी ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत जनपद जौनपुर के गरीब, असहाय एवं निराश्रितों के सहायतार्थ संस्था के वालेंटियर उषा सिंह स्टाफ टीडी कालेज, स्वाति श्रीवास्तव, संस्था के जनपद प्रभारी आशीष श्रीवस्तव के माध्यम से 25 पैकेट राशन किट दिनेश कुमार सिंह को कलेक्ट्रेट में दी



गई। राशन किट में 05 किलो आटा, 03 किलो चावल, 01 किलो दाल, 05 पैकेट मशाला, आधा किलो गुड़, 250 मिली. सरसों का तेल, 01 किलो नमक, नहाने व कपड़े धोने के साबुन, बिस्किट्स के पैकेट दिए गए। उद्भव संस्था द्वारा दिए गए राशन पैकेट्स को मतापुर मलीन बस्ती में गरीब परिवारों को जिलापूर्ति अधिकारी अजय सिंह की देख रेख में बांटा गया, बच्चों को चॉकलेट बिस्किट भी बाटे गए।


अग्रणी बैंक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ने आपदा रहत कोष में एक लाख इक्कीस हजार रुपये का दी आर्थिक सहयोग

वैश्विक महामारी कोरोना के समूल उन्मूलन के लिए जनपद के अग्रणी बैंक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ने जनपद के सभी शाखाओं के कर्मचारियों के सहयोग से आपदा रहत कोष में एक लाख इक्कीस हजार रुपये का आर्थिक सहयोग किया है।सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के क्षेत्र प्रमुख नवनीत गुप्ता, एलडीएम  उदय नारायण, विकास भवन शाखा प्रबंधक श्याम शर्मा ने जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को आपदा रहत कोष जौनपुर के नाम एक लाख इक्कीस हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा साथ ही 500 प्रोटेक्टिव केयर मास्क और सेनेटैजेर भी सौंपे गए। इस अवसर पर यूबीआई क्षेत्र प्रमुख नवनीत गुप्ता ने बताया कि जिले का अग्रणी बैंक होने के नाते, जनपद के सभी 102 शाखाओं के कर्मचारी हर प्रकार से सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुँचाने में तत्पर हैं. क्षेत्र प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया की खातों में आया पैसा ग्राहकों के खाते में ही रहेगा, वापस नहीं जायेगा अतः किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें और शाखाओं में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पैसों की निकासी करें.  बैंक अपने 100 से ज्यादा एटीएम और 400 बैंक मित्रों के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएँ दे रहा है, सभी



सम्मानित ग्राहकों से यह आग्रह किया है कि शाखा में आते समय अपना मुहँ-ढँक कर रखे, किसी भी अनावश्यक स्थान को ना छुवे, स्थानीय शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें और अपना सहयोग दें. राष्ट्रीय स्तर पर भी बैंक ने स्टाफ सदस्यों के सहयोग से प्रधानमंत्री केयर फंड में लगभग 14 करोड़ रुपये जमा कराये हैं। भविष्य में भी बैंक अपने सामजिक कर्तव्यों के निर्वहन एवं सहयोग हेतु प्रतिबद्ध है।


रविवार, 26 अप्रैल 2020

गरीबो को अन्न व भोजन देते समय जरूरी है लेना? विडियो एवं फोटो

जौनपुर, आज पूरे देश मे वायल हो रही विडियो एवं तस्वीरो मे सबसे ज्यादा फोटो और विडियो वायल हो रहा है उसमे देखने से पता चलता है कि कोई प्रतिदिन 10 हजार लोगो को खाना खिला रहा है तो कोई 50 हजार लोगो को, कोई गरीब बस्तीयो मे जाकर 10 किलो रासन सामान बांट रहा है तो कोई घर घर जाकर 1किलो आटा का पैकट ही वितरण कर रहा है सबसे अहम और सोचने वाली बात यह है कि हम शोशल मीडिया पर वायरल हर बात पर नजर रखते है मगर उसी शोशल मीडिया पर वायरल एक विडियो को अनदेखा कर दिया गया है जिस देख कर गरीबो को दान करते हुए कि जारही विउियो रिकार्डिंग मानवता को शर्मसार करती है



विडियो मे दिखागया गया है कि दरवाजे से एक बच्चा भागते हुए घर मे आता है और घर के अंदर आकर रोटी के लिए परेशान अपनी बड़ी दोनो बहनो को खुसी से बताता है कि दीदी बाहर मुफ्त का राशन बट रहा है बच्चे कि बात सुन दोनो बहने खुशी से भागते हुए दरवाजे पर आती है और राशन का पैकट थामने को तैयार होती है उसी समय राशन विरण करने वाले लोग कहते है कि आपको राशन का थैला देते हुए हमे विडियो निकालनी है इतना सुनते ही लड़की हाॅथ खीच लेती है और कहती है नही भईया मुझे इसकी जरूरत नही, घर मे आकर अपने भाई बहनो के बीच मे रोते हुए कहती है कि ए लोग दान नही ब्यापार कर रहे है तस्वीरो का ब्यापार। उस विडियो को देखकर वास्तव मे इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है कि एक तरफ सुविधा सम्पन्न लोग गरीबो को खाना खिलाने के नाम पर धन खर्च कर रहे है क्या यही उनकी पहचान कम है? क्या उनको यह बताना जरूरी है कि वे प्रतिदिन हजार या दस हजार लोागो को भोजन करवाते है,मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के जिला सूरत मे विगत दिनो किसी भले मानव ने महज 1 किलो के आटे का पैकट ट्रक मे भर कर देर रात गरीब बस्ती के के बेहद गरीबो मे वितरण किया रात के समय 1 किलो आटा वही लेने गया जो वास्तव मे बहुत गरीब था यहक्या आटा का पैकट घर लाकर जब खोला गया तो प्रत्येक पैकट मे 15 हजार रू0 नगद मिले, तस्वीर और विडियो की बात क्या करे उस दान दाता का नाम तक किसी को नही पता ऐसा दान दाता ही हमारे देश का वास्तविक मददगार है, सारी कहानी का निश्कर्ष निकलता है कि किसी भुखे को खाना देते हुए फोटो खीचना आाखिर क्यो जरूरी है? क्या कल उस तस्वीर को दिखा कर सरकार से लाभ लेना है या समाज मे गरीबो का मसिहा बनक नाम कमाना है? 


भण्डारी रेलवे स्टेशन स्थित राज कालेज का मैदान बना अस्थायी सब्जी मण्डी

 कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के क्रम में जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पुरानी सब्जीमण्डी को नगर के भण्डारी स्टेशन स्थित राजकालेज के मैदान में अस्थायी तौर पर स्थानान्तरित करने का फैसला लिया है। इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी राम प्रकाश ने मंडी संघ के व्यापारी नेता, सब्जी व्यवसायी एवं सरकारी अमला के साथ राज कालेज के मैदान का मौका मुआयना किया और कहा कि यहां पर्याप्त जगह होने के कारण सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में आसानी होगी।  उन्होंने कहा कि व्यवसायी सुनिश्चित करेगें किसी भी कीमत पर सोशल डिस्टेंसिग का



उल्लंघन न हो और न ही उनका व्यवसाय प्रभावित हो। दुकानों और व्यक्तियों के प्रति पर्याप्त दूरी रखी जाय।  व्यवसायी प्रशासन का सहयोग करें, प्रशासन हमेशा व्यवसायी वर्ग के हितों की रक्षा हेतु तैयार है। इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट सहदेव मिश्रा, सीओ सिटी सुशील कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पवन उपाध्याय, राज डिग्री कालेज जौनपुर से डॉ मनोज वत्स, पुरानी मंडी के अध्यक्ष, व्यापारी नेता महेन्द्र सोनकर, जावेद इशरत आदि मौजूद रहे।      
                                    


मारुति कार से 40 कट्टा व 50 किलो तम्बाखू किया गया जप्त

मारुति कार से 40 कट्टा कुल 50 किलो तम्बाखू जप्त किया गया था । आरोपी सतीश अग्रवाल द्वारा लाकडाऊन का उलंघन किया गया था जिस संबंध कार्यालय दंडाधिकारी पुसौर से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दिनांक 25.04.2020 को सतीश अग्रवाल के विरूद्ध चौकी जुटमिल (थाना कोतवाली) में अप.क्र. 325/2020 धारा 188 भादवि दर्ज किया गया है ।



वहीं दिनांक 24.04.2020 के सुबह 6.00 बजे हीरापुर चौक में लाक डाउन डियूटी कर रहे कोतरारोड़ स्टाफ द्वारा मुखबिर सूचना पर ग्रे रंग के स्वीप्ट कार क्र. CG13W/685 में राकेश बघेल पिता विजय बघेल उम्र 28 साल साकिन नवापारा बघेल मोहल्ला थाना कोतरारोड को शराब लेकर बिक्री करने हेतु कुरमापाली, गोर्रा की ओर जाते हुए पकड़े जिसके पास से 65 लीटर कच्ची महुआ शराब जप्त किया गया है ।आरोपी की कार जप्त की गई है, जिसके विरूद्ध थाना कोतरारोड़ में धारा 34(2) 59(क) आबकार एक्ट की कार्यवाही की गई है।


सिस्टम में फसी जननी



सिविल अस्पताल से रेफर होने के बाद दिव्यांग प्रसूता, आपरेशन में जन्मी बेटी मां के साथ


लाक डाउन में मजूदूरी बंद होने से किल्लत में आए परिवार कि दिव्यांग प्रसूता शुक्रवार को लाक़डाउन के सरकारी सिस्टम में फस गई। इस जननी को सरकारी अस्पताल से रेफर के बाद एंबुलेंस भी नहीं मिली। परिजनों के पास पैसे नहीं थे तो जनसहयोग से निशुल्क रोगी सेवा केंद्र हेल्प फार यू ने जुटाई निजी अस्पताल में उपचार की व्यवस्था जुटाई और आपरेशन में जन्मी बेटी और मां अब स्वास्थ्य है।