उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक ज़मानत आवेदन पर विचार करते हुए कहा कि टिक टोक मोबाइल एप्लिकेशन को अच्छी तरह से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही ने कहा कि एप्लिकेशन अक्सर अपमानजन और अश्लील कल्चर को प्रदर्शित करता है और स्पष्ट रूप से परेशान करने वाली सामग्री के अलावा पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है। इस तरह के एप्लिकेशन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जिससे किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके।इस मामले में आरोपी मृतक की पत्नी है। आरोपी पत्नी ने एक अन्य सह आरोपी के साथ मिलकर मृतक के और आरोपी के कुछ अंतरंग और निजी वीडियो टिक टोक पोस्ट कर दिए थे, जिसके बाद मृतक ने आत्महत्या कर ली थी। दोनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 306 के तहत आरोप लगाए गए थे। हालांकि अदालत ने आरोपियों को जमानत दे दी, लेकिन युवाओं पर टिक टोक ऐप के नेगेटिव प्रभाव का उल्लेख किया। न्यायाधीश ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि तत्काल मामले में टिक टोक वीडियो एक निर्दोष जीवन के दुखद अंत का कारण बन गया है, हालांकि टिक टोक वीडियो की सामग्री को अपडेट की गई केस डायरी द्वारा छुआ नहीं जा सकता था। इस तरह के टिक टोक को प्रसारित करना, पीड़ितों को प्रताड़ित करने के लिए आपत्तिजनक सामग्री का दुरुपयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है।बड़ी संख्या में लोग, विशेषकर युवा, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, इस तरह के परेशान करने वाले रुझान के प्रति संवेदनशील हैं। इस तरह के कृत्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्मार्ट तरीके से अंजाम दिया जाता है और सोशल मीडिया पर एकीकृत किया जाता है। वायरल हो रहे ऐसे टिक वीडियो को देखकर मृतक अपमानित महसूस कर सकता है और शर्मनाक हो सकता है, जो वर्तमान मामले में काफी स्पष्ट है। हालांकि वीडियो की सामग्री को जांच के पूर्वावलोकन में लाया जाना बाकी है। इस मामले की तरह सायबर बुलिंग जैसी गतिविधियां जैसा कि वर्तमान मामले में हुआ, उससे भी कई कई निर्दोष शिकार हुए हैं। टिक टोक मोबाइल ऐप जो अक्सर आपत्तिजनक कल्चर और पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है। इसकी स्पष्ट रूप से परेशान करने वाली सामग्री के कारण, इसके नकारात्मक प्रभाव को ठीक से नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके।" सायबर अपराध को दूर करने के लिए भारत के पास एक विशेष कानून का अभाव है। कोर्ट ने कहा कि समुचित सरकार को उन कंपनियों पर कुछ उचित नियामक दायित्व डालने की सामाजिक ज़िम्मेदारी मिली है। न्यायालय ने यह भी देखा कि, "हालांकि अन्य अधिनियमों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के कुछ हिस्से, ऐसे अपराधों से निपटने के लिए हैं, विशेष रूप से आईटी एक्ट की धारा 66E, 67 और 67A, जो निजता, प्रकाशन और परिसंचरण के उल्लंघन के लिए सजा निर्धारित करता है" जिसे अधिनियम अश्लील "या" कामुक "सामग्री, मानता है, लेकिन यह पूरी तरह से अपर्याप्त है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 किसी भी सामग्री को अपलोड करने से पहले इस तरह की कंपनियों पर सामग्री लेने और निर्धारित प्रक्रिय पूरी करने का दायित्व देता है, लेकिन भारत में सायबर जैसे अपराध से निपटने के लिए एक विशेष कानून का अभाव है।" न्यायालय ने यह भी देखा कि कई जांच अधिकारी न तो अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और न ही वे सायबर अपराध की बारीकियों को समझते हैं। "यह जरूरी है कि जांच में लगे अधिकारियों को इस तरह के तकनीकी-कानूनी मुद्दों की जांच करने के लिए अपने कौशल को उन्नत करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सायबर खुफिया, सायबर फोरेंसिक और सायबर अभियोजन प्रशिक्षण में सुधार और सायबर पुलिसिंग को बढ़ावा देने की बात लंबे समय से चल रही है।" मद्रास उच्च न्यायालय ने टिक टोक मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में इसी तरह की टिप्पणियां की थीं और यहां तक कि इस ऐप के डाउनलोड को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था। बाद में इस आदेश को टिकटोक प्रबंधन को चेतावनी के साथ वापस ले लिया गया कि यदि यह नकारात्मक और अनुचित या अश्लील सामग्री को फ़िल्टर करने के अपने उपक्रमों का उल्लंघन करता है, तो यह अदालत की अवमानना के दायरे में आ सकता है।
हकीकत एक्सप्रेस हिंदी दैनिक समाचार भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त समाचार पत्र है। जिसमे सामान्य खबरो के साथ साथ अपराधिक खबरे, खोजी खबरे, गाव गिरांव की खबरे, समाज मे घटित हो रही नित नई खबरो को संकलित कर प्रकाशित करने का कार्य हकीकत एक्सप्रेस के माध्यम से किया जाता है।
मंगलवार, 2 जून 2020
किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए Tik Tok मोबाइल ऐप को नियंत्रित करना आवश्यक : उड़ीसा हाईकोर्ट
सोमवार, 1 जून 2020
आपमिश्रित दोहरा व जर्दा बनाते हुए तीन अभियुक्त सहित मकान मालिक गिरफ्तार
श्री अशोक कुमार पुलिस अधीक्षक जौनपुर के निर्देशन में अपराध एवं अपराधियो के विरुद्ध चलाये जा रहेअभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी नगर के निकट पर्यवेक्षण एवं दिशा निर्देशन में थानाकोतवाली पुलिस द्वारा मुखवीर की सूचना पर तीन व्यक्तियों को दोहरा बनाते व बेचते हुए एवं मकान मालिक को बदलापुर पडाव से आज दिनांक 31/05/20 समय 15.25 बजे गिरफ्तार किया गया।अभियुक्तों के कब्जे से 290 पुड़िया अपमिश्रित दोहरा मय जर्दा बरामद किया गया।इस सम्बंध में थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 247/2020 धारा 188,269,272,273 भादविव धारा-3 महामारी अधिनियमपंजीकृत किया गया ।गिरफ्तार अभियुक्तो का विवरणः- सूरज विश्वकर्मा पुत्र सुभाषचन्द्र विश्वकर्मा निवासी कटघरा लड़न कालोनी, कोतवाली जौनपुर। सुशील कुमार सिंह पुत्र मालिक सिंह निवासीबदलापुर पड़ाव कोतवाली जौनपुर ।प्रमोद कुमार पुत्र सेवा कुमार निवासी कालीकुत्ती,उमरपुर,कोतवाली,जौनपुर।4 शुभम गुप्ता पुत्र महेन्द्र साहु निवासी मालीपुर,बदलापुर पड़ाव कोतवाली जौनपुर(मकान मालिक)
गिरफ्तारी टीम का विवरणः- निरी0 श्री पवन कुमार उपाध्याय प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली जौनपुर।उ0नि0 राजीव मल्ल थाना कोतवाली जौनपुर। का0 कृष्ण मुरारी यादव थाना कोतवाली जौनपुर। का0 अभय नरायन सिंह थाना कोतवाली जौनपुर।
समाज सेवीयों ने रक्तदान कर राकेश श्रीवास्तव को विदाई दिया
लायन्स क्लब संगठन जौनपुर द्वारा आई.एम.ए. ब्लड बैंक में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। लायन्स क्लब के गवर्नर डॉ क्षितिज शर्मा ने बताया कि LCIF कोऑर्डिनेटर, राकेश श्रीवास्तव, 33 वर्षों की अनवरत सेवा के पश्चात् आज सेवा-निवृत्त हुए हैं। राकेश श्रीवास्तव ने, तमाम सामाजिक संगठनों में, एक कर्मठ योद्धा के रूप में अपनी पहचान बनाई है, और हम सब का दायित्व बनता है कि ऐसी शख्सियत की विदाई भी एक शानदार सेवा-कार्य के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को एक सकारात्मक सन्देश के रूप में प्रस्तुत की जाय। इसीलिए ये रक्तदान शिविर लगाया गया है।
जफराबाद विधायक डॉ एच.पी. सिंह ने कहा कि जब सभी रक्त कोषों में रक्त की कमी हो रही है ऐसे में ये सभी समाज सेवी संस्थाएं बधाई के पात्र हैं जो लाक डाउन में रक्तदान कर आज के दिन को ऐतिहासिक बना रही हैं। आई.एम.ए. अध्यक्ष डॉ एन के सिंह ने बताया कि आई एम ए जौनपुर के डाक्टरों ने केवल अपने सदस्यों के रुपये एक करोड़ की लागत से भी अधिक सहयोग से ये आधुनिक मशीनों से युक्त ब्लड बैंक खोला है।
राकेश श्रीवास्तव ने उपस्थित सभी लोगों व रक्तदान करने वाले लोगों के प्रति बहुत ही भावुक होकर आभार जताया जो आज रक्तदान कर इस दिन को यादगार बनाया।
शिविर में समाज सेवी संस्थाओं, रोटरी क्लब, जेसीज क्लब, लायन्स मेन, गोमती, क्षितिज, लियो क्लब, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा व कायस्थ कल्याण समिति, ग्र.प. राज्य सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहते हुए रक्तदान में सहयोग किया। तथा आगे दिनों तक रक्तदान करते रहेगे।
संचालन कैबिनेट सचिव सै मो मुस्तफा व आभार कैबिनेट कोषाध्यक्ष मनीष गुप्ता ने व्यक्त किया।रक्तदान करने वालों में डा क्षितिज शर्मा, अमन श्रीवास्तव, नीरज शाह, संजय अस्थाना, अमित पांडेय, संजय गुप्ता, अनुप सिंह, मयंक नारायण, अरिहंत सिंह, राकेश सोनी, वीरेन्द्र सिंह, राजेश किशोर श्रीवास्तव, गणतंत्र श्रीवास्तव, रामचन्द्र, पंकज श्रीवास्तव, सनी सिंह, किशोर ओझा, शम्म तबरेज़ ख़ान, हीरालाल भारती, रहबर अब्बास, शिव कुमार यादव, अमर बहादुर यादव, अभिषेक राय, सभापति उपाध्याय, नारायण, अमित सेठ, अल्तमस आदि सहित 27 लोगों ने रक्तदान किया।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के निर्देशन में शहर की प्रमुख बाजारों तथा सड़कों को किया गया सैनिटाइज
आज जौनपुर शहर में बाजारों की साप्ताहिक बंदी के दिन फायर ब्रिगेड तथा नगर पालिका परिषद जौनपुर की टीम द्वारा 09 गाड़ियों से प्रमुख बाजारों तथा सड़कों को सैनिटाइज किया गया, जिसका निरीक्षण स्वयं जिलाधिकारी एवं मुख्य राजस्व अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा द्वारा किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि साप्ताहिक बंदी वाले दिन जनपद की समस्त बाजारों एवं सड़कों को सैनिटाइज किया जाएगा। उन्होंने सभी से सतर्कता बरतने की अपील की तथा कहा कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले, बाहर निकले तो मास्क लगाकर ही निकले तथा सोशल डिस्पेंसिंग का पालन करें।
शनिवार, 30 मई 2020
थाना शाहगंज पुलिस द्वारा आपराधिक मानव वध से संबंधित वांछित दो अभियुक्तगण गिरफ्तार,घटना में प्रयुक्त कुल्हाडी व बांस का डंडा बरामद
श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय, जौनपुर द्वारा अपराध एवं अपराधियों की गिर0 के चलाये जा रहे अभियान के क्रम में श्रीमान अपर पुलिस अधीक्षक नगर महोदय जौनपुर के निर्देशन व श्रीमान् क्षेत्राधिकारी महोदय शाहगंज के कुशल पर्यवेक्षण में मुझ प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश सिंह मय हमराह अधि0/कर्म0 द्वारा मु0अ0सं0 115/2020 धारा 323/504/506/308/304 भादवि थाना शाहगंज जनपद जौनपुर से संबंधित वांछित अभियुक्तगण 1. मूलचन्द पुत्र पुत्र स्व0 मुनेसर नि0 ताखापूरब थाना शाहगंज जनपद जौनपुर 2. गोरई उर्फ सत्यप्रकाश पुत्र सूर्यभान नि0 बिलारमऊ थाना फूलपुर जनपद आजमगढ को आज दिनांक 29/05/2020 को समय 05.30 बजे थाना शाहगंज जौनपुर स्थित आजाद पुलिया के से गिरफ्तार किया गया, तथा उनकी निशांदेही पर उनके घर से उक्त घटना से संबंधित आलाआहनी एक अदद कुल्हाडी व एक अदद बांस का डंडा बरामद किये गये अभियुक्तगण उपरोक्त की गिरफ्तारी से इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगेगा।
आपराधिक इतिहास-
मूलचन्द पुत्र पुत्र स्व0 मुनेसर नि0 ताखापूरब थाना शाहगंज जनपद जौनपुर
1.मु0अ0सं0 115/2020 धारा 323/ 504/ 506/308/304 भादवि शाहगंजजौनपुर।
गोरई उर्फ सत्यप्रकाश पुत्र सूर्यभान नि0 बिलारमऊ थाना फूलपुर जनपद आजमगढ
आपराधिक इतिहास-
1.मु0अ0सं0 115/2020 धारा 323/ 504/ 506/308/304 भादवि शाहगंजजौनपुर।
बरामदगीः-
आला आहनी मुकदमा उपरोक्त एक अदद कुल्हाडी अभि0 मूलचंद उपरोक्त की निशांदेही से तथा एक अदद बांस का डंडा अभि0 गोरई उर्फ सत्यप्रकाश उपरोक्त की निशांदेही से ।
गिरफ्तारी करने वाली टीम-
1.श्री जयप्रकाश सिंहप्र0नि0 थाना शाहगंज जौनपुर।
2.उ0नि0 श्री शितलू राम थाना शाहगंज जौनपुर।
3.का0 अश्विनी कुमार शर्मा, का0 विश्वाश पाण्डेय, का0 आशीष यादव, का0 दुर्गेश कुमार, का0 सुरेन्द्र कुमार, का0 नितेश तिवारीथाना शाहगंज जौनपुर।
थाना लाइन बाजार पुलिस द्वारा पाक्सो एक्ट का वांछित अभियुक्त कपिल बिन्द गिरफ्तार
जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत आज दिनांक 29.05.2020 को श्रीमान पुलिस अधीक्षक, जौनपुर व श्रीमान अपर पुलिस अधीक्षक नगर, जौनपुर के कुशल निर्देशन में श्री सुशील कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी नगर, व श्री दिनेश प्रकाश पाण्डेय प्रभारी निरीक्षक, थाना- लाइन बाजार, जौनपुर के नेतृत्व में उ0नि0 विजय गौंड मय हमराह का0 सुनिल यादव व का0 हिमांशु राव के मु0अ0सं0- 070/20 धारा 363/366/376 भादवि व ¾ पाक्सो से सम्बन्धित वांछित अभियुक्त के तलाश में क्षेत्र में मामूर थे कि जरिये मुखबिरखास ने आकर बताया की साहब
अभियुक्त कपिल बिन्द अपने के बाहर बैठा है, यह कह कर मुखबिर हट गया । कि इस सूचना पर उ0नि0 विजय गौड मय हमराह के अभियुक्त के घर पहुचे तो अभियुक्त अपने घर के बाहर मौजूद मिंला जिससे नाम पता पूछा गया तो अपना नाम कपिल बिन्द पुत्र दिनेश बिन्द नि0 धन्नेपुर थाना- लाइन बाजार, जौनपुर बताया जिसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया ।
थाना मड़ियाहूँ पुलिस द्वारा गैंगेस्टर एक्ट का वांछित अभियुक्त गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद जौनपुर के आदेश / निर्देश के बाबत अपराध व गैंगस्टर अधि0 के अपराधियो के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम मे अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रा0) व क्षेत्राधिकारी मडियाहूँ के निर्देशन मे प्रभारी निरीक्षक मड़ियाहूँ नि0 त्रिवेणी लाल सेन मय हमराह द्वारा पंजीकृत मु0अ0सं0 29/2020 धारा 3(1) उ0प्र0 गैंगस्टर एक्ट में नामजद व वांछित अभियुक्त अमानुल्लाह पुत्ररजाउल्लाह निवासीरेहटी थाना जलालपुर जिला जौनपुर उम्र करीब 45 वर्ष को आज दिनाँक 29.05.2020को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार अभियुक्त उपरोक्त को मा0 न्याया0 के समक्ष रिमाण्ड हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है ।गिरफ्तारी करने वाली टीमः नि0 त्रिवेणी लाल सेन, प्रभारी निरीक्षक मड़ियाहूँ जौनपुर।.का0 राजेन्द्र प्रसाद, कां0 आलोक सिंह, कां0 सर्वेश विक्रम यादव, कां0 अनिल सिहथाना मड़ियाहूँ जौनपुर ।
थाना बदलापुर पुलिस द्वारा गैर इरादतन हत्या का वांछित अभियुक्त गिरफ्तार
जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत आज दिनांक 29.05.2020 को थाना बदलापुर पुलिस द्वारा अभियुक्त राकेश उर्फ चिल्लू पुत्र वुद्धन यादव ग्राम प्रानपट्टीथानाबदलापुर जौनपुर सम्बन्धित मु0अ0स0 422/20 धारा 147/148/323/504/506/308/427/304 भा0द0वि0 कीगिरफ्तारी मुखबिर की सूचना पर की गई। गिरफ्तार करने वाली टीम— प्रभारी निरीक्षक राजेश यादव थाना बदलापुर जनपद जौनपुर । उ0नि0 शिवकुमार यादव थाना बदलापुर जनपद जौनपुर । का0 विपिन जायसवाल थाना बदलापुर जनपद जौनपुर ।
थाना गौराबादशाहपुर पुलिस द्वारा दो वांछित अभियुक्त गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक महोदय जौनपुर के द्वारा जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे सघन अभियान के अंतर्गत अपर पुलिस अधीक्षक नगर के कुशल निर्देशन व क्षेत्राधिकारी केराकत के कुशल पर्यवेक्षण में कल दिनांक 28/5/20 को मु0अ0सं0 68/20 धारा 147/148/149/323/504/506/342/307/452/354/336/427 भा0द0वि0 के वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया ।.जियालाल कन्नौजिया पुत्र मथई निवासी अमरा थाना गौराबादशाहपुर जौनपुर।राजभरत कन्नौजिया पुत्र मुन्नीलाल निवासी अमरा थाना गौराबादशाहपुर जौनपुर।
गिरफ्तारी करने वाली टीम– उ0नि0 वीरेन्द्र कुमार मिश्र, थाना गौराबादशाहपुर जौनपुर।.हे0का0 कमलेश कुमार यादव,हे0का0 मो0 आऱिफ थाना गौराबादशाहपुर जौनपुर।
बोलता कैमरा पूछता सवाल
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद-जौनपुर में निवास करने वाले मुसहर परिवारों/धरिकार परिवारों एवं अन्य गरीब परिवारों को दो चरणों में खाद्यान्न राहत सामग्री की पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रथम चरण में जनपद-जौनपुर में निवास करने वाले कुल 9860 मुसहर परिवारों व 1198 धरिकार परिवारों को खाद्यान्न राहत सामग्री का वितरण कराया जा चुका है। इसी प्रकार द्वितीय चरण में 9943 मुसहर परिवारों के अतिरिक्त हॉकर व पत्रकार बन्धु तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची के अनुसार 819 परिवारों को खाद्यान्न राहत सामग्री पैकेट से लाभान्वित किया जा चुका है। इसी प्रकार बाहर से आये हुए व्यक्तियों जिन्हें कोरन्टाइन सेन्टर में निर्धारित अवधि पूर्ण कर अपने घरोें को जाने वाले 100 व्यक्तियों को खाद्यान्न राहत सामग्री पैकेट से लाभान्वित किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक जनपद में कुल 21920 गरीब परिवारों को खाद्यान्न सामग्री से लाभान्वित किया जा चुका है।
जौनपुर 29 मई 2020 (सू0वि)- विज्ञप्ति संख्या- 08
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद-जौनपुर में निवास करने वाले मुसहर परिवारों/धरिकार परिवारों एवं अन्य गरीब परिवारों को दो चरणों में खाद्यान्न राहत सामग्री की पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रथम चरण में जनपद-जौनपुर में निवास करने वाले कुल 9860 मुसहर परिवारों व 1198 धरिकार परिवारों को खाद्यान्न राहत सामग्री का वितरण कराया जा चुका है। इसी प्रकार द्वितीय चरण में 9943 मुसहर परिवारों के अतिरिक्त कुछ गरीब हॉकरों व कुछ गरीब पत्रकार बन्धुओं तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची के अनुसार 819 परिवारों को खाद्यान्न राहत सामग्री पैकेट से लाभान्वित किया जा चुका है। इसी प्रकार बाहर से आये हुए व्यक्तियों जिन्हें कोरन्टाइन सेन्टर में निर्धारित अवधि पूर्ण कर अपने घरोें को जाने वाले 100 व्यक्तियों को खाद्यान्न राहत सामग्री पैकेट से लाभान्वित किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक जनपद में कुल 21920 गरीब परिवारों को खाद्यान्न सामग्री से लाभान्वित किया जा चुका है।
दोनो विज्ञप्तियो को देखने से लगता है कि जिलापूर्ती अधिकारी महोदय जौनपुर समस्त कार्य हवा हवाई करते है इनका कार्यालय खुद ही सारे नियम को ताक पर रखता है और ए महाशय जनता को 1 मीटर दूरी बनाये रखने की सलाह देते है।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की सच्ची श्रद्धांजलि जरुरत मंदों की सेवा है
जौनपुर।पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को पुण्यतिथि पर भारत देश के लोगों ने याद किया और भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।इस मौके पर लोकदल के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम दुबे ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि चौधरी जी का व्यक्तित्व और कृतित्व सदैव किसानों के लिए समर्पित रहा।कहां कि कोरोना काल में जब देश संकट से जूझ रहा हो ऐसे मे जरुरत मंदों की सेवा करना ही चौधरी जी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। नोकरा, नेवढिया निवासी श्री दुबे शुक्रवार को स्व.चरण सिंह की पुण्यतिथि अवसर पर सीएलसी के महिला स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाये हुए एक हजार मास्क को खरीदा और ग्रामीण क्षेत्रों में जरुरत मंदों को घर,घर जाकर वितरित करने की बात कहीं।साथ ही उन्होंने कहां कि जनपद की महिला समूहों को आत्म निर्भर बनाने की जिम्मेदारी सभी की है।उन्होंने केन्द्र में पंजीकृत केरारबीर,राधारानी, कृष्णा आदि महिला समूहों से मास्क खरीदकर खुशी का अनुभव किया। इस अवसर पर जौनपुर पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष शशि मोहन सिंह छेम राजीव पाठक,उषा राय आदि लोग उपस्थित रहे।
चौंंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण : मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे बच्चे के वीडियो पर संंज्ञान लिया पटना हाईकोर्ट
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे एक बच्चे के वीडियो पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस घटना को "चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए पटना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की बेंच ने कहा कि इस घटना पर उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और तदनुसार इस खबर पर संज्ञान लिया और नोटिस जारी किया। । 28 मई, 2020 (पटना संस्करण) के टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक अखबार के लेख के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एस कुमार द्वारा मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में यह घटना लाई गई। इसके बाद अपर महाधिवक्ता एस.डी. यादव जो वर्चुअल कोर्ट में उपस्थित थे, उन्हें इस बारे में बताया गया। पीठ ने कहा, "यदि समाचारों की सामग्री सही है, जिसमें से हमारे पास अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि अखबार का राष्ट्रीय प्रसार व्यापक रूप से चल रहा है, तो यह घटना चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आता है और इस तरह हम समाचार सामग्री पर संज्ञान लेते हैं और नोटिस जारी करते हैं। " उसी के प्रकाश में, बेंच ने निम्नलिखित मुद्दों को तैयार किया है जिन पर तत्काल विचार के लिए रखे गए। (क) क्या शव का पोस्टमार्टम किया गया था? यदि हां, तो मौत का कारण क्या था? क्या महिला वास्तव में भूख से मर गई थी? (ख) क्या वह अपनी सहोदर के साथ अकेली यात्रा कर रही थी? यदि नहीं, तो उसके साथी कौन थे? (ग) कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने क्या कार्रवाई की है? (घ) सरकार द्वारा जारी किए गए रिवाज, परंपरा और निर्देशों के अनुसार मृतक के अंतिम अधिकार क्या थे? (छ) इन सबसे ऊपर, अब उन बच्चों / भाई-बहनों की देखभाल कौन कर रहा है, जिन्होंने दुर्भाग्य से अपनी मां को संकट के इन दिनों में खो दिया है? एस.डी. यादव, एएजी-आईएक्स को सभी मुद्दों पर निर्देश प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में बिहार राज्य के लिए नामित स्थायी वकील से पता लगाना है कि क्या शीर्ष अदालत ने इस विशेष घटना का संज्ञान लिया है। इसके अतिरिक्त, वकील आशीष गिरी को एमिकस क्युरी के रूप में इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया गया है। यह मामला गुरुवार को दोपहर 2.15 बजे सूचीबद्ध किया गया था। सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मां मानसिक रूप से अस्थिर थी, उसकी प्राकृतिक मृत्यु हुई। यादव ने खंडपीठ को सूचित किया कि किसी भी जानकारी का पता नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि बोर्ड पर सूचीबद्ध होने के बावजूद, सर्वोच्च न्यायालय में नहीं पहुंचा था। उन्होंने आगे कहा कि समाचार रिपोर्ट आंशिक रूप से गलत थी। "मृतक मानसिक रूप से अस्थिर थी और सूरत (गुजरात) से अपनी यात्रा के दौरान उसकी प्राकृतिक मौत हो गई थी। इस तथ्य की सूचना उसके साथियों, उसकी बहन और बहनोई (बहन के पति, अर्थात् एम डी वज़ीर) ने दी थी। मृतक, जो अपने पति द्वारा निर्जन किया गया था, केवल एक बच्चा था। " यादव ने अदालत को सूचित किया कि महिला की मौत को रेलवे अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था, और बाद में वजीर के बयान को दर्ज करने के बाद, शव को घर ले जाने की अनुमति दी गई थी और कोई पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया था। कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई थी। अनाथ बच्चा मृतक की बहन की सुरक्षित अभिरक्षा और संरक्षकता में है। यादव ने अदालत को यह आश्वासन दिया कि यदि उन्हें सहायता की आवश्यकता है तो वह परिवार से पूछताछ के लिए अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे। बेंच ने यादव के बयानों को स्वीकार किया और कहा: "पूर्वोक्त बयान के मद्देनजर इस स्तर पर, सर्वोच्च न्यायालय में सरकारी वकील के बयान की प्रतीक्षा करते हुए हम विवेकपूर्ण ढंग से आगे कोई निर्देश जारी करने से बचते हैं, ताकि बच्चा सुरक्षित हाथोंं में हो।" यह मामला अब 3 जून को सूचीबद्ध किया गया है और संबंधित प्रधान सचिवों को अगली तारीख से पहले व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
इंडिया" का नाम बदलकर " भारत" करो, ये अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक : सुप्रीम कोर्ट में याचिका
देश के नाम को इंडिया से " भारत" में बदलने की सीमा तक भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी। जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अनुपलब्धता के कारण सुनवाई 2 जून के लिए स्थगित की। नमाह नामक व्यक्ति ने ये याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि देश को "मूल" और "प्रामाणिक नाम" भारत द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए। याचिका वकील राज किशोर चौधरी के माध्यम से दायर की गई है।याचिकाकर्ता ने कहा है कि अनुच्छेद 1 में संशोधन यह सुनिश्चित करेगा कि इस देश के नागरिक अपने औपनिवेशिक अतीत को "अंग्रेजी नाम को हटाने" के रूप में प्राप्त करेंगे, जो एक राष्ट्रीय भावना पैदा करेगा। "समय अपने मूल और प्रामाणिक नाम से देश को पहचानने के लिए सही है, खासकर जब हमारे शहरों का भारतीय लोकाचार के साथ पहचानने के लिए नाम बदल दिया गया है .... वास्तव में इंडिया शब्द को भारत के साथ प्रतिस्थापित किया जाना हमारे पूर्वजों द्वारा स्वतंत्रता की कठिन लड़ाई को उचित ठहराएगा।याचिका से अंश याचिकाकर्ता का कहना है कि "इंडिया" नाम को हटाने में भारत संघ की ओर से विफलता हुई है जो "गुलामी का प्रतीक" है। वह कहते हैं कि इससे जनता को "चोट" लगी है, जिसके परिणामस्वरूप "विदेशी शासन से कठिन स्वतंत्रता प्राप्त स्वतंत्रता के उत्तराधिकारियों के रूप में पहचान और लोकाचार की हानि" हुई है। अपनी दलीलों को प्रमाणित करने के लिए, याचिकाकर्ता ने 15 नवंबर, 1948 को हुए संविधान के मसौदे का उल्लेख करते हैं, जिसमें संविधान के प्रारूप 1 के अनुच्छेद 1 पर बहस करते हुए एम अनंतशयनम अय्यंगर और सेठ गोविन्द दास ने "इंडिया" की जगह " भारत, भारतवर्ष, हिंदुस्तान" नामों को अपनाने की वकालत की थी।