जौनपुर, देश दुनिया मे जौनपुर सितारे हिंद के नाम से मशहूर है शायद यहा कभी बहुत बड़े बड़े काम करके यहा के लोगो ने यह प्रसंसनीय खिताब पाया है, मगर आज का जौनपुर पूरी तरह से भ्रष्टाचार के दल द लमे डूबता जा रहा है ऐसे मे समझ मे भ्रष्टाचारियो की शिकायत करने से पहले यह गीत याद आ जाता है कि “ चिंगारी कोई भड़के ,तो सावन उसे बुझाये , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बुझाये?” यही गीत इस प्रकरण मे एकदम सटीक बैठता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सरायख्वाजा अंतर्गत शिकारपुर चैकी (Shikarpur Chauki) के पुलिस कांसटेबल सुशील कुमार यादव एवं ग्राम सभा हरबसपुर(छुंछा) के लेखपाल धर्मव्रत यादव से बुरी तरह पीड़ित व्यक्ति रामकृष्ण यादव पुत्र विजय बहादर यादव निवासी ग्राम सभा हरबसपुर(छुंछा) थाना सरायख्वाजा जनपद जौनपुर ने अपने लिखित बयांन मे बताया है कि वह लगभग 4 वर्ष से पुलिस विभाग तथा राजस्व विभाग द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है पीड़ित के बयांन के अनुसार दिनांक १८ध्६ध्२०२० को हल्का लेखपाल धर्मव्रत यादव कानूनगो रवि शंकर दो सिपाहियों के साथ दिन में 10रू30 बजे पीड़ित की अनुपस्थिति में पीड़ित के घर आ पहुंचे घरवालों के पूछने पर लेखपाल द्वारा बताया गया कि विपक्षी प्रेमचंद यादव पुत्र निरहू यादव गुलाब चंद यादव पुत्र घूरहु यादव द्वारा शिकायत की गई है आप लोग मुकदमे की जमीन 1388क व 1401 पर नव निर्माण कार्य कर रहे हो जिसे सुनकर घरवाले आश्चर्यचकित हो गए क्योकि लेखपाल साहब जिस निर्माण कार्य की बात कर रहे थे वह सब कार्य जैसे घर मड़हा लैट्रिंग आदि पूर्व समय में कानूनी कार्यवाही के तहत 1388क व 1401 आराजी नम्बर के बाहर बाहर किया गया था मौके पर उपस्थित लोगों ने लेखपाल से जांच करने के लिए कहा तो जाच मे पीड़ित के सभी कार्य आ0न0 1388क व 1401 के बाहर पाया गया इसके बावजूद लेखपाल धर्मव्रत यादव के कहने पर पुलिस बल के द्वारा पीड़ित के बुजूर्ग दादा एवं बहन को धमकाते हुए कहा गया कि आ0न0 1398 अविभाजित लैंड में भी कोई कार्य नहीं करेंगे जिस पर कोई मुकदमा नहीं चल रहा है। जब घर वालों ने पूछा आप किस अधिकारी के आदेश पर तथा किस शिकायत पर पुलिस बल के साथ मेरे घर आए हैं तो लेखपाल द्वारा कहां गया कोई प्रार्थना पत्र नहीं है केवल सादे कागज पर लिखकर बताया गया है कि आप यहां कोई कार्य नहीं करेंगे हम इस क्षेत्र के लेखपाल है हम जो कहेंगे वही प्रार्थना पत्र मे शिकायत है और जिस काम के लिए मना करेगे वही कानून है। पीड़ित परिवार के साथ घटने वाली यह घटना पहली बार नहीं थी पीड़ित के अनुसार इसी तरह उसके सामने ही लेखपाल एवं पुलिस द्वारा विपक्ष से पैसे का लेनदेन कर पीड़ित परिवार को पुलिस व राजस्व विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है जिसका पीड़ित के पास पुख्ता सबूत हैपीड़ित के अनुसार लेखपाल एवं पुलि के द्वारा निम्नलांकित तिथियो मे विपक्षी से पेसा लेकर मनमाना कार्यकर पीड़ित का मानसिक शोषण किया गया है। पीड़ित का पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाया जा रहा था विपक्षी द्वारा पुलिस से पैसे का लेनदेन कर दिनांक 16.6.2016 को पीड़ित का बनाया जा रहा घर रुकवा दिया गया और कहा गया कि जिस आ0न0 1388क व 1401 पर कार्य हो रहा है उस जमीन पर मुकदमा है विपक्षीयो द्वारा राजस्व एवं पुलिस बल के सहयोग से पीड़ित का कार्य जबरन रोक दिया गया जिसमे पीड़ित द्वारा दिनांक16.9.2016 को एसडीएम सदर के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर दिनांक 16 मई 2016 को थाना इंचार्ज के के मिश्रा द्वारा मुकदमे की जमीन को सीमांकन करने के लिए कहा गया। दिनांक 4.10.2016 को राजस्व विभाग द्वारा जांच कर बताया गया की घर का निर्माण मुकदमे की जमीन से बाहर की जमीन में हो रहा है तब जाकर पीड़ित का घर बना।
इसी तरह विपक्षी द्वारा दिनांक 3.5.2017को पीड़ित द्वारा बनवाया जा रहा लैट्रिंग और छप्पर पुलिस द्वारा रुकवा दिया गया । पुन्ह दिनांक 30.3.2017 को एसडीएम के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर दिनांक 25 .4.2017 को एसआई हरि प्रकाश यादव द्वारा विवादित जमीन का सीमांकन करने के लिए कहा गया दिनांक 15 मई 2017 को राजस्व विभाग द्वारा छप्पर व लैट्रिन को विवादित जमीन से बाहर बताया गया तब जाकर कार्य हुआ।
इसी तरह घटनास्थल पर पडे ईट दिनांक 18. 6.2018 को गिराया गया है जिसका पूर्णता जिक्र जनता दर्शन में दिए गए प्रार्थना पत्र संख्या 15194180142031 में है।सबसे अधिक कष्ट इस बात की है की राजस्व विभाग व पुलिस द्वारा आज तक विपक्षियों को गुमराह कर पैसा लिया जा रहा है उन्हें 1388 का व 1401 का सही स्थान बताया ही नहीं जा रहा है न तो सीमांकन किया जा रहा है क्योंकि हल्का लेखपाल एवं सिपाही को पता है कि हकीकत बता दिया जाएगा तो दोबारा पैसा नहीं मिलेगा इस प्रकार चन्द रूपयो की लालच मे अपने कर्तव्य को भूलकर लेखपाल एवं सिपाही द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है हल्का लेखपाल एवं कांसटेबल द्वारा कि गयी कई घटनाएं हैं जिसको सारा गाव जानता है।
पीड़ित के अनुसार पीडित के घर से कुछ दूरी पर पैसे के लेनदेन की घटना पूरे गाव मे प्रचलित हो चुकी है जानकारी के अनुसार ग्राम सभा हरबसपुर निवासी राम अजोर अजीत आदि तथा इंद्रजीत व सभाजीत के मध्य 5 कड़ी नाली का विवाद चल रहा है जिस पर राम अजोर पक्ष से उस पर अपूर्ण घर बना लिया गया है जब इसकी शिकायत इंद्रजीत व सभा जी द्वारा एसडीएम से की गई तो राम अजोर पक्ष पर 15c का मुकदमा 67A. 3/5 एफ आई आर दर्ज की गई है मुकदमा होने के बावजूद भी लेखपाल व कानूनगो पैसे का लेनदेन कर हर दसवे दिन उस नाली का माप करवाते हैं अलग.अलग सरहदों को पैमाना मानते हैं और पूरी कोशिश करते है कि किसी प्रकार नाली को घर से बाहर दिखाया जाए जिससे राम अजोर का अपुर्ण घर पूर्ण हो जाये किंतु यह कहने के लिए है हकीकत यह है कि लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा राम अजोर अजीत आदि पक्ष को बेवकूफ उनसे पैसा ऐठा जाता है। लेखपाल धर्मव्रत यादव एवं राजस्व निरीक्षक की करतूत इसी से पता चलती हे कि पीड़ित के आ0न0 1398 पर मु0 न होने के बाद भी उसे विवादित बताकर बिना लिखित शिकायत के रोकने आनेवाले लेखपाल राम अजोर अजीत आदि तथा इंद्रजीत व सभाजीत के मध्य मुकदमे होने के हर दसवे दिन विवादित जमीन को नापने आ जाते हैं इस प्रकरण मे पैसों का लेनदेन हरबसपुर निवासी बलराम यादव द्वारा किया जाता है जो वर्तमान में क्षेत्र पंचायत सदस्य है इस प्रकार की कई घटनाएं हैं। जबकि इसके विपरीत गांव के किसान मजदूर द्वारा 50 बार प्रार्थना पत्र देने के पश्चात सड़क नाली चक नहीं मापी जाती है बलराम यादव द्वारा पैसे के लेनदेन करने पर एक सादे कागज पर बिना किसी अनुमति के लेखपाल व पुलिस माप के लिए तैयार हो जाते हैं जिसमें पुलिस की भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है,अपने सिपहसालारो के इस प्रसंसनीय कार्य से अंजान जिले के आला अधिकारी अंजान बैठे है या इनको जानकारी है फिर भी गरीब जनता का खून चूसने के लिए धर्मव्रत यादव जैसे रिस्वतखोर दीमक को खुला छोड़ रखे है जो पीड़ित गरीब के मन से कानून का भरोसा खतम कर रहा है।
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बुधवार, 24 जून 2020
जहा खुदगर्ज हाकिम हो वहा फरियाद क्या करना
गुरुवार, 18 जून 2020
प्रदेश सरकार ने लाॅकडाउन अवधि में 14.6 करोड़ लोगों को अब तक पाँच चरणों में 36.40 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का किया वितरण
कोरोना वायरस के फैलने से पूरा देश लाॅकडाउन हो गया। यह महामारी ऐसे समय फैली की आम व्यक्ति इसके लिए तैयार नहीं था। लोगों का जीवन सामान्य गति से चल रहा था। हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग विभिन्न उद्यम करके दैनिक आमदनी से अपनी आजीविका चलाते है। कोविड-19 केे कारण आमजन सुरक्षित रहे, और यह वायरस अन्य लोगों में फैलने न पाये, इसी को दृष्टिगत रखते मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा था, कि ‘‘हमे जान भी चाहिए और जहाॅन भी चाहिए‘‘। मा0 प्रधानमंत्री जी की बात को ध्यान में रखते हुए पूरे देश के सभी लोगों ने लाॅकडाउन का पूरा पूरा पालन किया। सभी तरह की मशीनरी बन्द हो गयी। प्रधानमंत्री जी को यह जानकारी थी कि देश में बड़ी जनसंख्या दैनिक आमदनी पर निर्भर है, इसलिए उन्होंने पूरे देश के गरीबों, दैनिक मजदूरों आदि के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत देश की जनता में खाद्यान्न वितरित कराने की व्यवस्था की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लाॅकडाउन के तहत गरीबों, श्रमिकों, आमजन को सार्वजानिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए प्रदेश के सभी जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे है। मुख्यमंत्री जी का ध्येय है कि पूरे प्रदेश मंे कोई व्यक्ति भूखा न रहे, सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरित किया जाय। जिन परिवारों के राशन कार्ड है या जिनके पास नहीं है, ऐसे सभी पात्रों को खाद्यान्न वितरित किया गया। प्रदेश में अन्य प्रदेशों से वापस आये श्रमिकोें/कामगारों को भी खाद्यान्न दिया जा रहा है। मा0 प्रधानमंत्री जी की घोषणा के क्रम में प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत योजनान्तर्गत ऐसे प्रत्येक प्रवासी/अवरूद्ध प्रवासी को, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत आच्छादित नहीं है, उन्हें 03 किलोग्राम गेहूं, 02 किलोग्राम चावल प्रति यूनिट की दर से तथा प्रति परिवार 01 किलोग्राम चना निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। सरकार की इस योजना से लाखों श्रमिकों कामगारों को लाभ मिल है। उन्हेें निशुल्क खाद्यान्न वितरित करते हुए खाद्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत निःशुल्क 5 किलोग्राम चावल प्रति यूनिट व निःशुल्क 01 किलोग्राम चना प्रति कार्ड के हिसाब से वितरित करने की व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अब तक 14.6 करोड़ लोगों को 05 चरणों के वितरण में 36.40 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया है। 20 जून, 2020 से छठे चरण का खाद्यान्न वितरित होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि प्रदेश के किसी कोने से ऐसी कोई समस्या नहीं आई कि किसी गरीब, असहाय, श्रमिक को खाद्यान्न न मिला हो। लाॅकडाउन के समय सभी जरूरतमंदो को खाद्यान्न दिया गया और दिया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति/परिवार के पास राशनकार्ड नहीं है फिर भी उसे राशन दिया गया। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा 01 मई से लागू किये गये राष्ट्रीय राशन पोर्टबिलिटी के तहत 8.64 लाख अन्तःजनपदीय एवं 63,503 से अधिक अन्तर्जनपदीय लाभार्थियों ने राज्य स्तरीय पोर्टबिलिटी का लाभ उठाया है। हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के श्रमिकों/कामगारों को भी खाद्यान्न का वितरण किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगजनों, निःशक्तजनों तथा हाॅटस्पाट एरिया जहां पूर्ण लाॅकडाउन है, उन क्षेत्र के परिवारों को राशन की होम डिलीवरी की जा रही है। हर क्षेत्र, हर वर्ग के लोगों को राशन दिया जा रहा है।
लाॅकडाउन के दौरान बहुत से ऐसे परिवार, श्रमिक, गरीब और निःसहाय लोग थे, जिनके पास खाद्यान्न तो था किन्तु किसी कारणवश भोजन बना नहीं पाते थे। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जिसके माध्यम से गांवों में खाना बनाकर परिवारों, श्रमिकों को बना-बनाया भोजन आपूर्ति किया गया। प्रदेश में कम्युनिटी किचन के माध्यम से 6.50 करोड़ से अधिक भोजन पैकेट लोगों के मध्य वितरित किया गया। प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश के समस्त जनपदों में अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों/कामगारों को प्रवास के लिए विभिन्न क्वारंटीन सेन्टर एवं ट्रांजिट कैम्प बनाये गये हैं, जहां वह निवासित हैं। ऐसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतते हुए अनुमन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उसी सेन्टर में की जा रही है। ताकि लाभार्थियों के सुगमतापूर्वक इस योजना का लाभ प्राप्त हो जाय और उन्हें उचित दर की दुकानों पर न जाना पड़े।
कोविड-19 के कारण हुए लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार की सुदृढ़ सुव्यवस्थित वितरण प्रणाली के कारण ही प्रदेश के गांवोे, कस्बों, नगरों, में हर जरूरमंद को खाद्यान्न लगातार मिल रहा है। उ0प्र0 के श्रमिक/ कामगार जो देश के अन्य प्रदेशों से आये हैं, उन्हें प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा मुहैया करा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में जिनके पास राशनकार्ड नहीं है, अथवा राशनकार्ड मिलने में देरी हो रही है, ऐसे लोगो को ग्राम प्रधान पंचायत निधि से 1000 रूपये दे रहे है। इसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा बजट जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जी ने नये राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये है।
टेलीकॉम कंपनियो से अपने वित्तीय दस्तावेज़ जमा करने को कहा , सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दूरसंचार विभाग (डीओटी) के आवेदन, जिसमें 20 साल से अधिक समय में एजीआर से संबंधित बकाया का निपटान करने की अनुमति लेने की मांग की गई है, उस पर विचार करते हुए टेलीकॉम कंपनियों को अपने वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने दूरसंचार कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार करने के लिए डीओटी को समय दिया। केस जुलाई के तीसरे सप्ताह के दौरान सुनवाई के लिए लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान, पीठ ने सुरक्षा और गारंटी के बारे में पूछा जो बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार कंपनियों से मांगी जा सकती है। वोडाफोन आइडिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसने पहले ही डीओटी को 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक गारंटी डीओटी के पास है, जिसे सिक्योरिटी माना जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 20 साल से अधिक की किश्तों में भुगतान AGR की बकाया राशि को चुकाने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा, "कंपनी को कमाना और भुगतान करना है, और यही एकमात्र तरीका है।" पीठ ने यह कहते हुए जवाब दिया कि वोडाफोन एक "बड़ी विदेशी कंपनी" है और उन्हें कुछ डाउन पेमेंट करना होगा। न्यायमूर्ति एम आर शाह ने कहा, "आपको कुछ राशि जमा करनी चाहिए। सरकार को जनता के लिए इस धन की आवश्यकता है, विशेष रूप से महामारी के दौरान।" टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार ने कहा कि उनके मुवक्किल ने 37000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि महामारी ने कंपनी की आय को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारती एयरटेल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एएम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने पहले ही 21000 करोड़ रुपये में से 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। उन्होंने कहा कि डीओटी के पास 10,800 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी लंबित है। यह मुद्दा गैर-दूरसंचार स्रोतों से राजस्व को शामिल करने के लिए 'एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू' (एजीआर) की व्याख्या करने वाले सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2019 के फैसले से भी उठा, जिसके परिणामस्वरूप टेलीकॉम कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस के उपयोग के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी का सामना करना पड़ा। मार्च में, DoT ने एक आवेदन दायर कर टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल से अधिक की अवधि में बकाया राशि का निपटान करने की अनुमति देने की मांग की थी। केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने गैर-दूरसंचार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, (जैसे गेल ) के खिलाफ समायोजित सकल राजस्व की 4 लाख करोड़ रुपये की 96 प्रतिशत राशि को वापस लेने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अक्टूबर 2019 के फैसले में ये कहा था। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस एमआर शाह की बेंच को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि "हमने एक निर्णय लिया है क्योंकि वे आम जनता को टेलीकॉम सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में नहीं हैं, हम इन PSU के 96% से बकाया की मांग वापस ले रहे हैं।"
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र पर की गई रिपोर्टिंग में गलत बयान छापने का आरोप ,उत्तर प्रदेश पुलिस ने 'द स्क्रॉल' की पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है। शर्मा ने लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक गांव की हालत पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रामनगर पुलिस थाने में एफआईआर दज कराने वाली माला देवी ने आरोप लगाया है कि सुप्रिया शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उनके बयान को गलत तरीके से प्रकाशित किया है और झूठे दावे किए हैं,पुलिस ने शर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के संबंधित प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 501 (ऐसे मामलों का प्रकाशन या उत्कीर्णन, जो मानहानिकारक हों) और धारा 269 (लापरवाही, जिससे खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की आशंका हो) के तहत मामला दर्ज किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लॉकडाउन के प्रभावों पर आधारित अपनी रिपोर्ट में, जिसका शीर्षक था- प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव में लॉकडाउन के दौरान भूखे रह रहे लोग, सुप्रिया शर्मा ने माला के बयान को प्रकाशित किया था, जो कि कथित रूप से घरेलू कर्मचारी हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि माला को लॉकडाउन के दौरान बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा, उन्हें राशन की कमी तक पड़ गई। हालांकि, 13 जून की एफआईआर में माला देवी ने दावा किया है कि वह घरेलू कर्मचारी नहीं हैं और उनकी टिप्पणियों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने दावा किया कि वह वाराणसी की नगरपालिका में ठेके पर सफाई कर्मी हैं, और उन्होंने लॉकडाउन के दौरान किसी भी संकट का सामना नहीं किया। उन्हे भोजन भी उपलब्ध था। माला ने कहा, " शर्मा ने मुझसे लॉकडाउन के बारे में पूछा; मैंने उन्हें बताया कि न तो मुझे और न ही मेरे परिवार में किसी को कोई समस्या है।" एफआईआर में माला देवी कहती हैं, "यह कहकर कि मैं और बच्चे भूखे हैं, सुप्रिया शर्मा ने मेरी गरीबी और मेरी जाति का मजाक उड़ाया है। उन्होंने समाज में मेरी भावनाओं और मेरी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है।" माला ने शर्मा और स्क्रॉल के एडिटर इन चीफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। स्क्रॉल डॉट इन ने हालांकि दावा किया है कि माला देवी की टिप्पणियों को "सटीकता" के साथ रिपोर्ट किया गया है और एफआईआर स्वतंत्र पत्रकारिता को "डराने और चुप कराने" का प्रयास है। स्क्रॉल एडिटोरियल ने वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में कहा, "स्क्रॉल डॉट इन ने 5 जून, 2020 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के डोमरी गांव की माला का साक्षात्कार किया। उनके बयान को आलेख में सटीकता के साथ रिपोर्ट किया गया। स्क्रॉल डॉट इन लेख का समर्थन करता है, जिसे प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से रिपोर्ट किया गया है। यह एफआईआर COVID-19 लॉकडाउन के दौरान कमजोर समूहों की स्थितियों पर रिपोर्टिंग करने की कीमत पर स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने और चुप कराने का एक प्रयास है।
प्रताप सेना हिन्दू संघ द्वारा चीन के राष्ट्रपति का निकाला गया शव यात्रा
आज जनपद जौनपूर में प्रताप सेना हिन्दू संघ द्वारा जिला प्रभारी सौरभ सिंह के नेतेत्व में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का चाइना मुर्दाबाद नारों के साथ निकाला गया ।जिसे नई गंज तिराहा पर फूका गया ।साथ ही चाइनीज सामानों के पूर्ण रूप से बहिष्कार का संकल्प लिया गया।अध्यछ शिवी सिंह ने कहा कि चीन को कड़ा जवाब देना चाहिए।जिसमें भारतीय सेना पूर्णतः सछम है।कार्यक्रम में शिवी सिंह के साथ साथ संगठन मंत्री नीरज सिंह ,महासचिव सनी सिंह राज,जिला प्रभारी सौरव सिंह ,अजय कुमार ,गोपाल सिंह प्रांजल ,अभिषेक, आदित्य ,कपिल ,बाबा धीरज आदि उपस्थित रहे।
शनिवार, 6 जून 2020
थाना सरायख्वाजा पुलिस द्वारा 2 किलो 215 ग्राम गांजा के साथ टाप-10 अपराधी राहुल उर्फ मंजीत गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक जौनपुर द्वारा जनपद में चलाये जा रहे अपराध एवं पुरस्कार घोषित अपराधियों , व अबैध शराब गांजा विक्री करने वाले अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत, अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एवं क्षेत्राधिकारी सदर जौनपुर के निर्देशन में उ0नि0रामसुन्दर सिंह , उ0नि0 अवधनाथ यादव मय हमराह हे0का0 रविन्द्र सिंह का0 सुनील कुमार का0 रवि कुमार के द्वारा मुखबीर की सूचना अभियुक्त राहुल उर्फ मंजीत यादव पुत्र अरुण यादव निवासी पकड़ी थाना सरायख्वाजा जौनपुर को एक झोला जिसमें लगभग 2 किलो 215 ग्राम गांजा नजायज के साथ दिनांक 04.06.2020 को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 146/20 धारा 8/20 एन.डी.पीएस एक्ट पंजीकृत किया गया तथा अभियुक्त को जेल भेजा गया । अभियुक्त राहुल उर्फ मंजीत थाना स्थानीय का टाप -10 की श्रेणी का अपराधी है ।
थाना सरायख्वाजा पर तैनातपीआरवी 2342 ने संदिग्ध से मोटरसाइकिल बरामद कर थाने के सुपुर्द किया
पीआरवी 2342 को दिनाँक 05/06/2020 को समय 02:30 बजे थाना सरायख्वाजा अन्तर्गत अपने निर्धारित रुट चार्ट के अनुसार गश्त पर थीतभी भैसोली पेट्रोल पम्प के पास एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार दिखा, जिसे पीआरवी ने रुकने का इशारा किया, जिस पर संदिग्ध ने कुछ दूर पहले ही मोटरसाइकिल छोड़कर खेत में कूदर भाग गया । पीआरवी ने पास जाकर देखा तो मोटरसाइकिल संख्या यूपी 65 एस 3355 में चाभी भी नहीं लगी थी । पीआरवी ने बरामदाल छोड़कर खेत में कूदर भाग गया । पीआरवी ने पास जाकर देखा तो मोटरसाइकिल संख्या यूपी 65 एस 3355 में मोटरसाइकिल को स्थानीय थाने के सुपुर्द किया ।
थाना नेवढ़िया पुलिस द्वारा गैर इरादतन हत्या के वांछित दो अभियुक्त गिरफ्तार-
पुलिस अधीक्षक जौनपुर के द्वारा चलाये जा रहे अपराध एवं वांछित अपराधियो के विरूद्ध गिरफ्तारी विषयक अभियान के अनुपालन मे तथा अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के कुशल निर्देशन एवं क्षेत्राधिकारी मड़ियाहू के निकट पर्यवेक्षण मे उ0नि0लालबहादुर सिंह प्रभारी पुलिस चौकी सीतम सराय थाना नेवढ़िया जनपद जौनपुर हमराही पुलिस बल का0 उमेश कुमार यादव , का0 संस्कार कुशवाहा के साथ मु0अ0स0 88/2020 धारा 147/148/323/504/506/427/304 भादवि थाना नेवढ़िया जनपद जौनपुर से सम्बन्धित अभियुक्तगण 1. वीरेन्द्र कहार उम्र 46 वर्ष पुत्र स्व0 सेवालाल 2.करन कहार उम्र 18 वर्ष पुत्र हिन्ता कहार नि0गण ग्राम लाखापुर थाना नेवढ़िया जनपद जौनपुर को गिरफ्तार किया गया आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
थाना खेतासराय पुलिस द्वारा 01 शराब तस्कर माफिया गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक जौनपुरद्वारा अपराध एवम् अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के अनुपालन के क्रम मेंअपर पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन मेव क्षेत्राधिकारी शाहगंज जौनपुर के कुशल पर्यवेक्षण मेंउ0नि हरिशंकर यादव मय हमराह हे0का0 जयराम यादव व का0 राजकुमार यादव द्वारादिनांक 05.06.2020 को मु0अ0सं0-269/19 धारा 60,60(2) आबकारी अधिनियम व 419,420,467,468 भादवि थाना खेतासराय , जौनपुर मे वांछित अभियुक्त शोले राजभर पुत्र जियालाल राजभर निवासी जपटापुर थाना सरायख्वाजा जौनपुर को गिरफ्तार किया गया । अभि0 उपरोक्त की गिरफ्तारी से इस प्रकार के अपराधो पर अंकुश लगेगा । अभि0गण का आपराधिक इतिहास है।
थाना सिंगरामऊ पर तैनात पीआरवी 2350 ने बस में छूटे बैग को बस का पीछाकर बैग बरमाद करते हुये कॉलर के सुपुर्द किया गया
थाना सिंगरामऊ पर तैनात पीआरवी 2350 को दिनाँक 05/06/2020 को समय 07:58 बजे इवेंट 1700 पर थाना सिंगरामऊ अन्तर्गत मछलीशहर से कॉलर ने सूचना दी कि मेरा बैग जौनपुर से लखनऊ जा रही गोला डिपो की बस संख्या यूपी 30 टी 8161 में छूट गया है, जो बदलापुर के लिये निकली है । इस सूचना पर पीआरवी ने तत्काल कार्वाइ करते हुये बस का काफी दूर पीछा किया तो रास्ते में एक बस दिखाई दी, जिसका नम्बर कॉलर द्वारा दिये गये नम्बर से मिल रहा था । पीआरवी ने त्वरित कार्रवाई करते हुये बस को रोकने का इशारा किया । पीआरवी ने कॉलर को मौके पर बुलाकर बैग की पहचान करवाते हुये बैग उसके सुपुर्द किया ।
मध्य प्रदेश का एक पूरा थाना कर दिया गया 'क्वारेंटाइन' : गेट पर जड़ा ताला और स्टाफ को भेजा घर
ग्वालियर. ग्वालियर (gwalior) जिले के चीनौर थाने को स्वास्थ विभाग ने क्वारेंटाइन (Quarantine) कर दिया है. इस थाने में तैनात सभी 20 पुलिस वालों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है. थाने परिसर को बंद कर मेन गेट पर ताला (lock) लगा दिया गया है और परिसर के बाहर शिकायत पेटी लटका दी गयी है.थाना क्वारेंटाइन होने के बाद इस इलाके में कानून व्यवस्था (low & order) पर संकट खड़ा हो गया है.इसकी वजह एक सिपाही है जो कोरोना पॉजिटिव निकला है.
भोपाल के सिपाही ने की थी लॉकडाउन ड्य़ूटी
मार्च महीने में भोपाल में तैनात एक सिपाही ग्वालियर जिले के चीनौर थाना क्षेत्र में अपने गांव में छुट्टी मनाने आया था. उसी दौरान देश व्यापी लॉक डाउन हो गया.सिपाही अपने गांव में ही फंसा रह गया. उसके बाद विभाग ने आदेश दिया कि वो चीनौर थाने में आमद देकर ड्य़ूटी शुरू करे. करीब दो महीने तक इस सिपाही ने चीनौर थाने में ड्यूटी की. लॉक डाउन खुलने के बाद विभाग से फिर नया आदेश आया और सिपाही को एक जून को चीनौर से भोपाल रवाना कर दिया गया.भोपाल पहुंचने पर जब इस सिपाही का कोरोना टेस्ट कराया गया, तो उसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी. खबर मिलते ही हड़कंप मच गया और स्वास्थ विभाग के निर्देश पर चीनौर थाने को बंद कर 20 पुलिसकर्मियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया. अब थाने के गेट पर ताला और बाहर शिकायत पेटी लटक रही है.
MP बोर्ड का बड़ा फैसला, परिवार में कोरोना पॉजिटिव तो बच्चे नहीं दे सकेंगे 12वीं की परीक्षा
भोपाल. लॉकडाउन (Lockdown 5.0) के बाद अब शिक्षा व्यवस्था भी फिर पटरी पर आने वाली है. मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा (Board Exam) 9 जून से शुरू होने जा रही है. इसे लेकर अब सरकार की ओर से सभी जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सरकार के मुताबिक कक्षा 12वीं की परीक्षा में सर्दी, खांसी और हल्के बुखार वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा न छूटे इसके लिए एमपी बोर्ड ने आइसोलेशन रूम (यानी रिजर्व रूम )बनाने की तैयारी की है. थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान जिस भी परीक्षार्थी का टेंपरेचर(तापमान) तय मानकों से ज्यादा रहेगा उन्हें अलग से आइसोलेशन रूम में बैठाकर परीक्षा दिलवाई जाएगी. सरकार की मानें तो प्रदेश भर में हर परीक्षा केंद्र पर एक आइसोलेशन रूम तैयार करवाया जा रहा है.
एमपी बोर्ड ने परीक्षार्थियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर उनके परिवार के किसी सदस्य को कोरोना है या फिर परिवार का कोई सदस्य क्वारंटाइन है तो ऐसे परीक्षार्थी कक्षा 12वीं की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. परीक्षा केंद्र में शामिल हो रहे परीक्षार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एमपी बोर्ड ने ऐसे निर्देश दिए हैं
अब मोबाइल करेगा मरीजों की हेल्प
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में बढ़ते कोरोना इंफेक्शन पर स्वास्थ्य विभाग अब चौकन्ना हो गया है. इसके लिए एक नई व्यवस्था तैयार की जा रही है. अब एक क्लीक में मरीज़ को उसके जरूरत का अस्पताल मिल जाएगा. अब शहर के हर अस्पताल की स्वास्थ्य विभाग (Helath Department) मैपिंग कर रहा है ताकि लोगों को इनके घर के पास ही मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो सके. सही समय पर सही इलाज लोगों को मिले और इसके लिए इन्हें ज्यादा दूर भी ना जाना पड़े इस मकसद के साथ स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. इसके तहत अब लोगों को मेडिकल संबंधित जानकारी उनके मोबाइल पर उपलब्ध हो सके, ऐसी कोशिश की जा रही है.
बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मरीज अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं. हर छोटी-मोटी बीमारियों को लेकर मरीज इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं. घर के बाहर निकलने में भी बच्चों और बुजुर्गों के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को डर सता रहा है. आने वाले महीनों में सरकार यूं ही ज्यादा सतर्कता बरतने की लगातार अपील कर रही है. इस बात को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य विभाग अब नई स्ट्रेटरजी पर काम कर रहा है.
अफसर कर रहे केन्द्रों की जांच
विभाग का प्लान है कि शहर की घनी आबादी में संचालित हो रहे छोटे-अस्पतालों की व्यवस्थाएं दुरूस्त की जाए. एनएचएम के उप संचालक डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि विभाग के अधिकारी यूपीएचसी, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लीनिक का निरीक्षण कर रहे हैं. यहां के वर्किंग प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी बटोर रहे हैं. इस नई व्यवस्था के जरिए लोगों को नजदीकी फीवर क्लीनिक की जानकारी उनके मोबाइल पर ही उपलब्ध हो सकेगी. स्वास्थ्य विभाग के अफसर कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं. अफसरों का ध्यान इस ओर भी है कि बारिश के मौसम में बीमारी किसी भी हाल में ज्यादा बढ़ने ना पाए. इसके लिए लोग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लीनिक में जाकर सामान्य उपचार, टीकाकरण परिवार कल्याण जैसी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे.
ऐसे होगी मैपिंग
शहर के यूपीएचसी, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लीनिक के हर एक मरीज की समस्या को हल करने की विभाग रणनीती बना रहा है. इन संस्थाओं में ये देखा जा रहा है कि यहां फीवर क्लीनिक के लिए जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार काम हो रहा है या नहीं. एनएचएम के उप संचालक डॉ. पंकज शुक्ला के मुताबिक अब बारिश शुरू होने के बाद मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ेंगे. ऐसे में शहर के लोगों की पहली प्राथमिकता ये होगी की घर के नजदीक वाले अस्पतालों में इलाज मुहैया हो जाए ना की हर मामूली बीमारी के लिए सीधे बड़े सरकारी अस्पतालों की तरफ भागना पड़े. मरीजों की सुविधा के लिए विभाग चौकन्ना होकर तमाम व्यवस्थाएं करने में जुटा है. भोपाल सहित प्रदेश भर में संचालित सरकारी अस्पतालों की ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैपिंग का काम पिछले साल मैप आईटी ने शुरू किया था, लेकिन बीच में ही ये काम कुछ कारणों से बंद हो गया था. अब कोरोना संकटकाल में आम लोगों को घर के नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी मोबाइल पर मिल सकेगी. विभाग गूगल के जरिए मैपिंग करने में लगा है.