लखनऊ. डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट (Dr. Ram Manohar Lohia Institute) के मदर एंड चाइल्ड स्टेट रेफरेल हॉस्पिटल (Mother and Child State Referral Hospital) में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन के टेंडर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों मासूमों की मौत के जिम्मेदार ठहराए गए डॉ. कफील अभी सजा भुगत रहे हैं. आरोप है कि राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने उस आरोपी कंपनी को करोड़ों का टेंडर सौंप दिया है. इंस्टीट्यूट पर मानकों को दरकिनार कर विवादित फर्म को टेंडर देने का आरोप लगाया गया है. इससे पूरी टेंडर प्रक्रिया और अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में है. टेंडर में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से शिकायत भी की गई है.
क्या है पूरा मामला
लोहिया इंस्टीट्यूट के मदर एंड चाइल्ड स्टेट रेफरल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन का काम जल्द शुरू होने वाला है. जिसके लिए टेंडर की टेक्निकल बिड में पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड एंड यूनानी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का नाम फाइनल किया गया था. पूरी प्रक्रिया पर सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता सिंह ने कंपनी की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए शिकायत दर्ज की थी. उनका कहना है कि साल 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई में गड़बड़ी के कारण सैकड़ों मासूमों की मौत हो गई थी. उस दौरान वहां का काम भी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के पास ही था. उन्होंने कंपनी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा संख्या 0703/2017 का हवाला देते हुए पुष्पा सेल्स के निदेशक मनीष भंडारी कई माह तक जेल में रहने की भी बात कही.
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