रविवार, 26 अप्रैल 2020

बहू ने जहर देकर सबको मारा फिर नस काटकर कर लिया था सुसाइड

एटा. उत्तर प्रदेश के एटा जिले में शनिवार को एक मकान में एक ही परिवार के पांच लोगों का शव मिला था। इसके बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग एटा मांगे न्याय के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग की गई। इसे एक खास जाति के साथ भी जोड़ा गया। लेकिन 24 घंटे के भीतर एटा पुलिस ने इस मामले का जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है। एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया- घर की बहू व मृतका दिव्या पचौरी ने अपने ससुर, बहन, बेटे को जहर देकर मारा। दसके बाद अपने छोटे बेटे आरव की मुंह दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद दिव्या ने विषाक्त खाया और अपने हाथ की नस काटकर अपनी जान दे दी।



एसएसपी ने बताया कि बहू दिव्या के अलावा 4 लोगों ने खाना खाया था। खाने में विषाक्त पदार्थ मिलाया गया, जो मेडिकल परीक्षण में प्रमाणित हुआ है। बहू दिव्या ने खाना नहीं खाया था। उसके पेट में हार्पिक और विषाक्त पदार्थ मिले हैं। उसने अपने हाथ की नस भी काटी थी।


एफएसएल लैब भेजा गया बिसरा


इस मामले का खुलासा एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर किया है। तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है। जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, महिला दिव्या ने चार परिजनों को पहले भोजन में विषाक्त खिलाया। इसके बाद खुद विषाक्त खा लिया और हाथ की नस काट ली। बिसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा गया है। उसे एफएसएल लैब आगरा भेजा जा रहा है।


एसएसपी ने बताया कि बहू दिव्या के अलावा 4 लोगों ने खाना खाया था। खाने में विषाक्त पदार्थ मिलाया गया, जो मेडिकल परीक्षण में प्रमाणित हुआ है। बहू दिव्या ने खाना नहीं खाया था। उसके पेट में हार्पिक और विषाक्त पदार्थ मिले हैं। उसने अपने हाथ की नस भी काटी थी। उन्होंने बताया कि, इस मामले में पुलिस की छह टीमें बनाई गई हैं, जो सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल के डिटेल, रंजिश आदि का पता लगाने में जुटी हैं। पुलिस का कहना है कि, मुख्य प्रवेश द्वार व छत का दरवाजा बंद होने के कारण बाहर से किसी के प्रवेश का कोई सबूत नहीं मिला है। मृतका के पति दिवाकर से भी बात हुई है, किसी भी प्रकार की रंजिश होना नहीं बताया है।


क्या है मामला?
एटा कोतवाली नगर के श्रृंगार नगर में पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी राजेश्वर प्रसाद पचौरी शनिवार सुबह मृत पाए गए थे। उनके साथ उनकी पुत्रवधू दिव्या पचौरी, दिव्या की बहन बुलबुल, आठ साल का बेटा आरुष और एक साल का बेटा आरव भी मृत मिले थे। दिव्या पचौरी का पति दिवाकर पचौरी उत्तराखंड में एक दवा कंपनी में नौकरी करता है। घर पर यही पांच लोग थे। शनिवार की सुबह दूधिया दूध देने पहुंचा, काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला, इस पर उसने अंदर झांककर देखा तो वहां शव पड़े थे। 


हिमाचल में निजी स्कूलों की मनमानी: शिक्षामंत्री बोले, जबरदस्ती फीस ली तो नया कानून बनाएंगे

कोरोना (Corona Virus) के संकट के समय में सरकार की ओर से निजी स्कूलों को आगामी आदेशों तक फीस ना वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. वहीं निजी स्कूल इन आदेशों को दरकिनार कर लगातार अभिभावकों पर फीस (Fees) जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं. शिमला (Shimla) शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज के माध्यम से और व्हाट्सएप के माध्यम से 26 हजार से अधिक की फीस जमा करवाने का फरमान जारी कर रहे हैं. सरकार के आदेश भी निजी स्कूलों की मनमानी को नहीं रोक पाए रहे है, लेकिन अब शिक्षा मंत्री ने थोड़ी राहत यह कह कर अभिभावकों को दी है कि कोई भी अभिभावक बच्चों की फीस नहीं दे पाता है तो स्कूल उससे पैनेल्टी या जुर्माना स्कूल नहीं वसूल सकेंगे.
यह बोले शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि निजी स्कूल शिक्षकों अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं और ना ही कोरोना के संकट के बीच में शिक्षकों को नौकरी से निकाल सकते हैं. शिक्षकों की सैलरी भी स्कूल नहीं रोक सकते हैं. अगर निजी स्कूल ऐसा करते हैं तो इसके लिए सरकार को नया कानून भी बनाना पड़े तो वह भी बनाया जाएगा, लेकिन निजी स्कूलों को यह मनमानी नहीं करने दी जाएगी.
सजा और जुर्माना भी हो सकता है
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में एपिडेमिक एक्ट को राज्य सरकार ने अडॉप्ट किया है और वहीं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी अगर कोई संस्था और व्यक्ति विशेष सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हैं तो उन पर मुकदमा होने के साथ ही सजा और जुर्माना भी हो सकता है. ऐसे में निजी स्कूलों की मैनेजमेंट से यह आग्रह है कि वह इस समय में अपनी मनमानी को छोड़कर सरकार और आम जनता के साथ सहयोग करें.
अभिभावकों को भी सलाह
शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को भी यह सलाह दी है कि संकट के समय में भी निजी स्कूल अभिभावकों का सहयोग नहीं करते हैं तो अभिभावकों को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या उन्हें अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में शिक्षा देनी चाहिए या नहीं. हालांकि शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों की ओर से लिखित में या मैसेज के माध्यम से अभिभावकों को फीस जमा करवाने को लेकर जो आदेश जारी किए जा रहे हैं, उन पर तो सरकार कुछ नहीं कर सकती है लेकिन इतना जरूर है कि जो अभिभावक जो फ़ीस दे सकते हैं, वह दें. लेकिन जो अभिभावक फीस नहीं दे पा रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की पेनल्टी और जुर्माना सरकार नहीं लगने देगी.
मनमानी पर रोक लगाएं: छात्र अभिभावक मंच
इस मामले को लेकर छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंदर मेहरा एक बार फिर से मुख्यमंत्री और सरकार से यह मांग की है कि सरकार  निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए. निजी स्कूल कोरोना के संकट के समय में भी बढ़ी हुई दरों पर अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं. वहीं कोरोना के संकट के बीच कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिनका काम कोरोना के चलते बंद पड़ा है और ऐसे में अभिभावक फीस देने में भी असमर्थ हैं. अब सरकार को चाहिए कि वह निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए और फीस वसूलने के जो आदेश लगातार जारी किए जा रहे हैं उन स्कूलों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए.
28 एमएचआरडी के साथ होगी बैठक
देशभर में कोरोना की वजह से जहां शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में अब 28 अप्रैल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में जहां आगामी समय में शिक्षण संस्थानों की गतिविधियां किस तरह से रहेंगे उन्हें खोला जाएगा या नहीं इसे लेकर चर्चा होगी. तो वहीं फ़ीस और अन्य मामलों पर भी चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही प्रदेश सरकार की ओर से भी इन सभी मामलों को लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे.


Lockdown: में महंगी पड़ी 85 लाख की पॉर्श कार की सवारी, पुलिस ने युवक से लगवाई उठक बैठक

इंदौर. इंदौर में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान एक युवक को पॉर्श (Porsche) की सवारी महंगी पड़ गई. बिना मास्क के घूम रहे इस युवक से पुलिस ने उठक बैठक लगवाई और मास्क लगाकर चलने की हिदायत दी. इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) में जमकर वायरल हो रहा है.

कोरोना का हॉट स्पॉट बने इंदौर में एक युवक 85 लाख की पॉर्शे लग्जरी कार लेकर घूमने निकल पड़ा. इसे देखकर पुलिस कर्मियों की सांसे फूल गईं. गाड़ी जैसे ही चंद्रगुप्त मौर्य चौराहे पर पहुंची तो पुलिस ने उसे रोक लिया. युवक से पुलिस वाले ने मास्क नहीं लगाने कारण पूछा तो वह संतोषजनक जबाव नहीं दे पाया. फिर क्या था पुलिस ने सबक सिखाने के लिए युवक से बीच सड़क पर कान पकड़कर उठक बैठक लगवा दी और आगे से मास्क पहनने की हिदायत देकर छोड़ दिया.
उद्योगपति का बेटा है चालक
फरारी चलाने वाला युवक इंदौर के जाने माने उद्योगपति दीपक दरियानी का बेटा संस्कार दरियानी है. उसकी कार का नंबर एमपी 09 सीडब्ल्यू 0001 नंबर है. ये कार इंदौर में सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आशा कन्फेक्शनरी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है जिसके मालिक दीपक दरियानी है. ये कंपनी चॉकलेट बनाने का कारोबार करती है.युवक ने कहा- वह खाने का पैकेट बांट घर जा रहा था
युवक का कहना है कि मैं खाने के पैकेट बांटकर घर जा रहा था. इस बीच पुलिस ने रोका तो मैने कार साइड में लगा ली, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने मेरी एक नहीं सुनी और बदतमीजी पर उतारू हो गए. पुलिस वाले मेरे साथ मारपीट पर उतारू हो गए. मुझसे उठक बैठक लगाने को कहा. पुलिसकर्मियों को मैंने बताया कि गाड़ी के अंदर मास्क रखी हुई है.
रोज 10 हजार खाने के पैकेट बंटवा रहे दरियानी
उद्योगपति दीपक दरियानी कोरोना के इस संकट के दौर में रोज खाने के 10 हजार पैकेट सप्लाई कर रहे हैं. ये खाना वो अपनी फैक्ट्री में ही बनवाते हैं और नगर निगम की मदद से जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं. वे कहते हैं ये कि बहुत कठिन समय है ऐसे में शहर का कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए इसलिए वो इस सेवा के काम में लगे हुए हैं. इंदौर की गरीब जनता को प्रतिदिन भोजन उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने कमर कस रखी है. दीपक दरियानी की व्यवस्थाओं का जायजा लेने सांसद शंकर लालवानी भी बाणगंगा क्षेत्र स्थित उनकी फैक्ट्री में पहुंचे थे, जहां उन्होंने खाना बनाने में भी सहयोग किया था. वहीं दीपक दरियानी ने अपनी फैक्ट्री की एंबुलेंस भी गांधी मेडिकल कॉलेज को सौंप दी है. उसके साथ दो ड्राइवर भी दिए हैं.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया था दरियानी की फैक्ट्री का दौरा
अभी हाल ही में 29 फरवरी 2020 को तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने दीपक दरियानी की चॉकलेट फैक्ट्री आशा कन्फेक्शनरी का दौरा किया था. इस दौरान उन्होने दरियानी परिवार की जमकर तारीफ भी की थी. उन्होने दीपक दरियानी को मध्य प्रदेश उद्योग जगत का बड़ा उदाहरण बताते हुए कहा था कि एमपी में बहुत सारे दीपक चाहिए, जिस तरह से दरियानी परिवार ने एक छोटे से कमरे में काम शुरू कर यहां तक पहुंचा है. उन्होंने बड़ी इंडस्ट्री खड़ी की है, उसी तरह और भी लोगो को आगे आकर मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाना होगा.


विमान उड़ाने को तैयार मुंबई एयरपोर्ट, बनाई गाइडलाइन, बस आदेश का इंतजार

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस  का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. हर दिन नए रिकॉर्ड को छू रहे हैं. पिछले 24 घंटों की बात करें तो कोरोना वायरस संक्रमण से 56 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1,490 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय  ने मुताबिक अब तक किसी भी दिन इतनी संख्या में लोगों की मौत नहीं हुई है. एक ओर जहां सरकार के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है वहीं अब मुंबई एयरपोर्ट  ने कहा है कि वह हवाई सेवा फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मुंबई एयरपोर्ट ने शनिवार को बताया कि उन्होंने हवाई सेवा शुरू करने के सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक यात्रा के



दौरान सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया जा चुका है. इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई की तरफ से हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ये भी साफ कर दिया है कि वह अभी ये नहीं कह सकती कि विमान सेवाओं को कब तक शुरू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर 1.5 मीटर की दूरी पर मार्किंग की गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से या​त्रियों को इन दूरी का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. इसके अलावा या​त्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि वह एयरपोर्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों से कम से कम बात करें और ऑनलाइन चेक-इन का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से यात्रियों से अनुरोध किया गया है अभी कुछ महीनों तक सफर के दौरान कम से कम सामान लेकर ही यात्रा करें. इसी के साथ एयरपोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और भीड़ के साथ एयरपोर्ट पर आने से बचें.


क्वारंटाइन सेंटर से चकमा देकर भागे वृद्धों को पालिका कर्मियों ने पकड़ा, दोबारा पहुंचाया शेल्टर होम

चंदौली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली स्थित अलीनगर में बने शेल्टर होम (Shelter Home) में ठहरे तीन बुजुर्ग रविवार सुबह 11 बजे स्टाफ को चकमा देकर वहां से भाग निकले. बुजुर्गों के भागने की सूचना मिलते ही नगर पालिका अधिकारियों में हड़कंप मच गया. बाद में नगर पालिकाकर्मियों ने सभी को रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ लिया और वापस शेल्टर होम ले गए. बता दें, पीडीडीयू नगर पालिका क्षेत्र के अलीनगर स्थित बने इस शेल्टर होम में 16 निराश्रित लोगों को रखा गया है. भागने वाले बुजुर्गों में पंजाब के रहने वाले सज्जन सिंह और बिहार के रहने वाले रामजनम और सुरेश यादव शामिल हैं.



जब पालिककर्मियों ने तीनों पकड़कर शेल्टर होम पहुंचाया तो बुजुर्गों ने वहां ढंक का खाना नहीं मिलने का आरोप लगाया. वहीं, इस संबंध में ईओ कृष्णचंद्र ने बताया कि तीनों बुजुर्ग 25 मार्च को शेल्टर होम में लाये गए थे. शेल्टर होम में कम्युनिटी किचन और सामाजिक संस्थाओं की ओर से ही खाना दिया जा रहा है. लॉकडाउन तक किसी को भी बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गयी है.


 


कोरोना पॉजिटिव मरीज का ड्राइवर पहुंचा थाने, SO समेत 51 पुलिसकर्मी क्वारंटाइन

प्रयागराज. मुंबई से आए कोरोना पॉजिटिव दो भाइयों के ड्राइवर के संपर्क में आने की वजह से पूरे कौंधियारा थाने के स्टाफ को क्वारंटाइन किया गया है.दरअसल ड्राइवर अपने निजी काम से दो दिन कौंधियारा थाने पहुंचा था. जिसके चलते एहतियातन एसएसपी ने एसओ समेत 51 पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन में भेज दिया है. हांलांकि ड्राइवर लापता है और पुलिस तलाश में जुटी है. पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन किये जाने की वजह से थाने में नए इंचार्ज की तैनाती भी कर दी गई है. सभी 51 पुलिसकर्मियों को पास के ही स्कूल में क्वारंटाइन किया गया है. वहीं पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन किये जाने से हड़कंप मचा हुआ है. इसके अलावा शंकरगढ़ के कपारी गांव में कोरोना पॉजिटिव मिले दो सगे भाईयों के सम्पर्क में आये 192 लोगों को पुलिस और प्रशासन ने चिन्हित कर उन्हें क्वारंटाइन में भेज दिया है. इसके साथ ही उनके सैंपल भी कोरोना की जांच के लिए लैब भेज दिए गए हैं.


   


        एसओ समेत 51 पुलिसकर्मी किये गए क्वारंटाइन (प्रतीकात्मक तस्वीर )


इसके साथ ही मुंबई से अपने पिता के अंतिम संस्कार में आये कोरोना पॉजिटिव दोनों सगे भाइयों समेत 25 से ज्यादा लोगों के खिलाफ पुलिस ने शंकरगढ़ थाने में लॉकडाउन उल्लंघन और महामारी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने तेहरवीं के भोज में अनुमति से ज्यादा लोगों को इकठ्ठा कर लिया था. इसके साथ ही दोनों युवकों को मुंबई से कार से प्रयागराज लेकर पहुंचे ड्राइवर के सम्पर्क में आये कौंधियारा थाना पुलिस को भी एहतियातन आइसोलेट कर दिया गया है. प्रशासन ने शंकरगढ़ के कपारी गांव के तीन किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है और हॉटस्पॉट के रूप में उसे तब्दील कर दिया है. एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा है कि फिलहाल 3 मई तक लॉकडाउन प्रभावी है और इसमें कोई ढ़ील नहीं दी गई है. उन्होंने कहा है कि जिले में कोरोना के तीन पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इसका संक्रमण रोकने के लिए पुलिस पूरी मुस्तैदी और सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है.


शनिवार, 25 अप्रैल 2020

एस0ओ0जी व थाना लाइन बाजार की संयुक्त टीम द्वारा 25,000 हजार रूपये का इनामी व डकैती के अपराध का वांछित शातिर अभियुक्तबृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स गिरफ्तार-

जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत आज दिनांक 25.04.2020 को  पुलिस अधीक्षक, जौनपुर व  अपर पुलिस अधीक्षक नगर, जौनपुर के कुशल निर्देशन में क्षेत्राधिकारी नगर के नेतृत्व में दिनेश प्रकाश पाण्डेय प्रभारी निरीक्षक, थाना- लाइन बाजार, जौनपुर मय हमराह का0 सत्यप्रकाश सिंह, का0 दिलीप सिंह, का0 विजय प्रकाश व म0का0 रीना कुमारी मय वाहन सरकरी यूपी0 62 एजी 0420 रवाना होकर देखभाल क्षेत्र व शान्ति व्यवस्था व कोरोना महामारी को लेकर लाकडाउन ड्यूटी, पेंडिंग विवेचना व तलाश वांछित अभियुक्तगण मुकदमाती पीली कोठी पर मौजूद थे कि तभी एस0ओ0जी0टीम जनपद जौनपुर के निरीक्षक   हंसलाल यादव (प्रभारी ), उ0नि0 श्री अगम दास, उ0नि0 श्री रोहित मिश्रा ,का0 ऋतम, का0 अमित सिंह, का0 शैलेश यादव ,का0 राजन सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि महालक्ष्मी ज्वैलर्स डकैती काण्ड का 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह निवासी घुरहूपुर थाना केराकत जनपद जौनपुर अपने घर के सामने स्थित मड़ही में बैठा हुआ है और



अपने दोस्तों के साथ बात चीत कर रहा है । यदि जल्दी चला जाय तो पकड़ा जा सकता है । इस सूचना पर तत्काल प्रभारी निरीक्षक लाइन बाजार व एस0ओ0जी0 के टीम के साथ अपने–अपने उपरोक्त सरकारी वाहनों से पीली कोठी से ग्राम घुरहुपुर स्थित बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स के गिरफ्तारी हेतु ग्राम घुरहूपुर अन्तर्गत स्थित बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स के मकान के पास पहुँचे तो पुलिस बल को देखकर बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स उपरोक्त अपने मड़ही से भागने लगा और खेतों की ओर लगातार भागना शुरु किया । पुलिस बल द्वारा इसका पीछा करते हुए दौड़ाकर खेतों खेत दौड़ाते हुए ग्राम घुरहूपुर स्थित एक विरान पड़े घर के पास से इस व्यक्ति को पुलिस बल द्वारा पकड़ लिया गया पकडे गये व्यक्ति से नाम पता पूछा गया तो अपना नाम बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह निवासी घुरहूपुर थाना- केराकत, जनपद- जौनपुर, बताया ।


गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण-



  • बृजेन्द्र उर्फ प्रिन्स पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह निवासी घुरहूपुर थाना केराकत जनपद जौनपुर ।


अपराधिक इतिहासः-


1-मु0अ0सं0-1399/2017 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना केराकत ,जौनपुर ।


2-मु0अ0सं0-139/2017 धारा-147/148/323/307/504/506/34/120बी भादवि थाना केराकत ,जौनपुर


3-मु0अ0सं0-148/2018 धारा-147/148/323/504/506/307 भादवि व एस0सी0/एस0टी0 एक्ट थाना  बरदह जनपद-आजमगढ़ ।


4-मु0अ0सं0-301/2019 धारा-147/323/504/506/452भादवि ,थाना केराकत जनपद-जौनपुर ।


5-मु0अ0सं0- 447/18 धारा 379/411 भादवि थाना- लाइन बाजार, जौनपुर ।


6-मु0अ0सं0- 458/18 धारा 379/411 भादवि थाना- लाइन बाजार, जौनपुर ।


5-मु0अ0सं0-548/2019 धारा-395/397/412/120बी भादवि ,थाना-लाइन बाजार ,जौनपुर ।


गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीमः-



  1. नि0 दिनेश प्रकाश पाण्डेय,प्रभारी निरीक्षक, थाना- लाइन बाजार, जौनपुर ।



  • नि0 हंसलाल यादव प्रभारी एस0ओ0जी0, जनपद जौनपुर ।

  • उ0नि0 श्री अगम दास , उ0नि0 श्री रोहित मिश्रा एस0ओ0जी0, जनपद जौनपुर ।

  • का0 ऋतम, का0 अमित सिंह ,का0 शैलेश यादव ,का0 राजन सिंह एस0ओ0जी0 जौनपुर ।

  • का0 सत्यप्रकाश सिंह, का0 दिलीप सिंह, का0 विजय प्रकाश व म0का0 रीना कुमारी थाना लाइन बाजारजौनपुर ।


 


देश में आज से शर्तों के साथ दुकानें खोलने की परमिशन, लेकिन इंदौर में नहीं मिलेगी छूट

गृह मंत्रालय ने भले ही आज से दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी हो लेकिन इंदौर में अभी दुकानें नहीं खुलेंगी.कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ कर दिया है अभी इंदौर में ऐसे हालात नहीं है कि दुकानें खोली जाएं.इसलिए फिलहाल घर-घर राशन पहुंचाने की व्यवस्था ही बनाए रखी जाएगी. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में फिलहाल दुकानें खोलने की पहल किसी भी व्यापारिक संगठन ने नहीं की है. होलसेल किराना व्यापारी संघ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल का कहना है उनकी कलेक्टर से चर्चा हो चुकी है. किराना व्यापारियो की ओर से भी यही बात कही गई है कि अभी दुकानें नहीं खोली जाएं, क्योंकि इंदौर कोरोना को लेकर रेड जोन में है. यदि दुकाने खुलेंगी तो लोग घर से निकलेंगे और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा.
अभी छूट देना खतरे से खाली नहीं
कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि शहर में अभी हालात सामान्य नहीं हैं. ऐसे में किसी भी प्रकार की छूट देना ठीक नहीं होगा. नगर निगम ने घर घर राशन पहुंचाने की व्यवस्था कर रखी है. घर पर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई की जा रही है. इसलिए दुकाने खोलने की जरूरत नहीं है. अगले 5-6 दिन में जब हालात सामान्य होते दिखाई देंगे तब दुकाने खोलने पर विचार किया जाएगा.
रेड जोन में है इंदौर
देश के बड़े हॉट स्पॉट में शामिल इंदौर में कोरोना के मरीजों की संख्या 1085 तक पहुंच गई है. इस बीमारी से अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है. इंदौर को रेड जोन में रखा गया है इसलिए रेड जोन वाले शहरों में फिलहाल किसी तरह की छूट मिलने की उम्मीद नहीं है. कहा जा रहा है कि इंदौर के हालात को देखते हुए 3 मई के बाद भी शहर में कर्फ्यू जारी रह सकता है और किसी तरह की छूट नहीं मिलने वाली है. केंद्र सरकार का देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई तक चलेगा. इस बीच गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है जिसमें देश में आज से तमाम दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी गई है. दुकानों में सिर्फ पचास फीसदी स्टाफ ही काम कर सकेगा,लेकिन इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की होगी.हालांकि अभी शॉपिग कॉम्प्लेक्स और मॉल खोले जाने की इजाजत नहीं दी गई है. सिर्फ जरूरी सामान जैसे सब्जी, फल, दवाई और किराना की दुकानों को ही खोलने की इजाजत दी गई थी.


दो जनपदों के बॉर्डर पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) से संक्रमण के बचाव के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) है. बिना आवश्यकता लोगों के बाहर निकलने पर रोक है. लेकिन ऐसे में बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) को भी कई बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही वाकया उत्तर प्रदेश के फतेहपुर/बांदा जनपद के बॉर्डर पर हुआ. जहां प्रसव पीड़ा (labor pain) से ग्रस्त एक महिला को एंबुलेंस न मिलने के चलते उसका पति उसे बाइक पर बैठा कर नजदीकी हॉस्पिटल ले जाने का प्रयास कर रहा था लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की हालत बिगड़ने लगी और उसने सड़क के किनारे ही बच्चे को जन्म दिया.



पुलिस का मानवीय चेहरा


हालांकि इस दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर नजर आया. जनपद बॉर्डर पर तैनात चिल्ला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय सिंह ने जब महिला को प्रसव पीड़ा में देखा तो उन्होंने तत्काल महिला कांस्टेबल प्रतिमा को दो अन्य महिलाओं के साथ उसकी मदद को भेजा. महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद चिल्ला थाना प्रभारी विजय सिंह ने महिला व उसके नवजात बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बांदा के मलकपुर गांव में रहने वाली एक गर्भवती महिला को लेबर पेन हुआ. महिला के परिजनों ने कई बार सरकारी एंबुलेंस के लिए न किया लेकिन मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची और उसकी तकलीफ बढ़ती गई जिसके बाद महिला का पति उसे बाइक पर बैठा कर अस्पताल जाने लगा लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने बांदा और फतेपुर दो जनपद को जोड़ने वाले बॉर्डर पर बच्चे को जन्म दे दिया. मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के यमुना और केन नदी पुल के पास का है जहां पर फतेहपुर जनपद के ललौली थाना क्षेत्र के मलकपुर गांव के रहने वाले ननकू निषाद अपनी पत्नी फूला निषाद को लेकर फतेहपुर जनपद से नजदीक पड़ने वाले स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे.


तरबूज और प्याज का व्यापारी बनकर मुंबई से पहुंचा प्रयागराज, घर पहुंचने का लगाया जुगाड़

प्रयागराज. लॉकडाउन (Lockdown) में लोग अपने घर पहुंचने के लिए तरह-तरह की जुगत लगा रहे हैं. ऐसे ही एक दिलचस्प मामले में एक व्यक्ति तरबूज और प्याज का व्यापारी बनकर मुंबई (Mumbai) से ट्रक में प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचा. इस व्यापार में उसने 3 लाख रुपये से अधिक का दांव लगाया.शहर के धूमनगंज थाना अंतर्गत कोटवा मुबारकपुर के निवासी प्रेम मूर्ति पांडेय ने बताया, “मैंने मुंबई में किसी तरह 21 दिन तो गुजार लिए, लेकिन लॉकडाउन खुलने के कोई आसार नहीं दिखने पर मैंने अपने पैतृक घर निकलने का रास्ता खोजा. वास्तव में अंधेरी ईस्ट के आजाद नगर में जहां मेरा घर है वहां बहुत घनी बस्ती है और कोरोना फैलने का खतरा भी वहां अधिक है.”


17 अप्रैल को मुंबई से चले, 23 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे


मुंबई एयरपोर्ट पर नौकरी करने वाले पांडेय ने कहा, “मैंने देखा कि सरकार ने एक रास्ता छोड़ रखा है वह है व्यापार का रास्ता. फल, सब्जी, दूध का व्यापार कर हम धीरे-धीरे आगे बढ़ सकते हैं. मैंने वही रास्ता चुना और यहां तक आ गया.” अपनी यात्रा के बारे में पांडेय ने बताया, “मैं 17 अप्रैल को मुंबई से चला और पिंपलगांव पहुंचा. वहां मैंने 10,000 रुपये में 1,300 किलो तरबूज खरीदा और उसे एक छोटी गाड़ी पर लोड कराके मुंबई रवाना किया. मुंबई में एक फल वाले से तरबूज का सौदा मैंने पहले ही कर रखा था.” उन्होंने बताया, “मैंने पिंपलगांव में 40 किलोमीटर पैदल चलकर वहां प्याज के बाजार का अध्ययन किया और एक जगह अच्छी क्वालिटी का प्याज दिखने पर मैंने 2,32,473 रुपये में 25,520 किलो (9.10 रुपये प्रति किलो) प्याज खरीदा और 77,500 रुपये के भाड़े पर एक ट्रक बुक कर इस प्याज को उस पर लोड कराया और 20 अप्रैल को प्रयागराज के लिए निकल पड़ा.” पांडेय ने बताया कि वह 23 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे और ट्रक लेकर सीधे मुंडेरा मंडी गए जहां अढ़तिया ने नकद भुगतान करने से मना किया जिस पर वह प्याज लदा ट्रक लेकर अपने गांव कोटवा पहुंचे और वहां अपने घर पर पूरा माल उतरवा दिया. उन्होंने बताया कि अभी बाजार में सागर का प्याज आ रहा है और लॉकडाउन होने से भाव कम है, लेकिन सागर का प्याज खत्म होने और लॉकडाउन खुलने पर उन्हें नासिक से लाए गए प्याज का अच्छा भाव मिलने की उम्मीद है. प्रेम मूर्ति पांडेय ने मुंबई से यहां आने की सूचना धूमनगंज थाना में पुलिस को दे दी है और मेडिकल टीम ने उनकी कोरोना की जांच कर उन्हें घर में ही क्‍वारंटाइन में रहने को कहा है. धूमनगंज की टीपी नगर पुलिस चौकी के प्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि कोटवा के प्रेम मूर्ति पांडेय शुक्रवार को धूमनगंज थाने पर आए थे और मेडिकल टीम द्वारा उनकी थर्मल स्कैनिंग की गई. उन्होंने बताया कि हालांकि प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल टीम पांडेय को क्‍वारंटाइन करने को लेकर आज शाम कार्रवाई करेगी.


लोगों के लिए बनी मददगार प्रयागराज की संस्था ओम नम: शिवाय , 30 दिन में तीस लाख लोगों को कराया भोजन

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कई संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आगे आई हैं. ऐसी ही एक संस्था प्रयागराज की भी है जो कि प्रदेश के चार शहरों में लोगों को भोजन करा रही है. संस्था का दावा है कि वह लॉकडाउन के दौरान अब तक प्रदेश में तीस लाख से ज्यादा लोगों को भोजन मुहैया करा चुकी है. ओम नम: शिवाय संस्था के स्वयं सेवकों ने 3790 लोगों के घर जा जाकर खाना उपलब्ध कराया है.

प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले और छह वर्षों में लगने वाले कुम्भ मेले में अन्न क्षेत्र चलाने वाली इस धार्मिक संस्था की ओर से लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से लगातार प्रयागराज, कानपुर , अयोध्या और लखनऊ में प्रतिदिन एक लाख लोगों को भोजन कराया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में खाने की समस्या हो रही है या लोगों तक खाना किसी कारण से पहुंच नहीं पा रहा है उनकी मदद के लिये संस्था ने टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. टोल फ्री नंबर- 7266920638 और 7266902603 पर संस्था की ओर से लोगों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. प्रयागराज के 11 थाना क्षेत्रों में रामबाग, बैरहना, चौफटका, करेली, करैलाबाग, तेलियरगंज, शिवकुटी, झॢसी, अंदावा और नैनी इलाके में गरीबों और जरुरतमंदों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. इसी तरह से टोल फ्री नंबर कानपुर, लखनऊ और अयोध्या में जरूरत मंद लोगों की मदद के लिये जारी किये गए है. प्रयागराज में 250 से अधिक स्वयंसेवक दिन-रात जरूरत मंद लोगों तक खाना पहुंचा रहे हैं. खासतौर मलिन बस्तियों में जहां पर दिहाड़ी मजदूर रहते हैं, उनके लिए संस्था वरदान बनी हुई है. संस्था के लोग गऊघाट, संगम क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का पेट भरने का काम कर रही हैं ओम नम: शिवाय संस्थापक के मुताबिक प्रयागराज में प्रतिदिन खाने में लोगों को चावल, सब्जी, बेसन की कढ़ी और पूड़ी का वितरण हो रहा है. इसके साथ ही पुलिस-प्रशासन की ओर से बताये गये क्षेत्रों में भी प्रतिदिन खाने का वितरण कराया जा रहा है. संस्था का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने तक संस्था लोगों की मदद करती रहेगी.


लोहिया अस्पताल पर विवादित कंपनी को टेंडर देने का आरोप

लखनऊ. डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट (Dr. Ram Manohar Lohia Institute) के मदर एंड चाइल्ड स्टेट रेफरेल हॉस्पिटल (Mother and Child State Referral Hospital) में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन के टेंडर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों मासूमों की मौत के जिम्मेदार ठहराए गए डॉ. कफील अभी सजा भुगत रहे हैं. आरोप है कि राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने उस आरोपी कंपनी को करोड़ों का टेंडर सौंप दिया है. इंस्टीट्यूट पर मानकों को दरकिनार कर विवादित फर्म को टेंडर देने का आरोप लगाया गया है. इससे पूरी टेंडर प्रक्रिया और अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में है. टेंडर में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से शिकायत भी की गई है.

क्या है पूरा मामला
लोहिया इंस्टीट्यूट के मदर एंड चाइल्ड स्टेट रेफरल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन का काम जल्द शुरू होने वाला है. जिसके लिए टेंडर की टेक्निकल बिड में पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड एंड यूनानी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का नाम फाइनल किया गया था. पूरी प्रक्रिया पर सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता सिंह ने कंपनी की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए शिकायत दर्ज की थी. उनका कहना है कि साल 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई में गड़बड़ी के कारण सैकड़ों मासूमों की मौत हो गई थी. उस दौरान वहां का काम भी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के पास ही था. उन्होंने कंपनी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा संख्या 0703/2017 का हवाला देते हुए पुष्पा सेल्स के निदेशक मनीष भंडारी कई माह तक जेल में रहने की भी बात कही.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र से मांगा जवाब, COVID-19 मरीजों के अलावा अन्य का नहीं किया जा रहा है अस्पतालों में इलाज, जनहित याचिका में लगाया गयाआरोप

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को उन सभी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें आरोप लगाया गया है कि शहर के अस्पताल COVID-19 मरीजों के अलावा अन्य ( NON COVID-19) रोगियों का इलाज नहीं कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और हलफनामा दायर करें, जिसमें इस समस्या के प्रभावी समाधान भी बताए जाएं। न्यायमूर्ति के.आर श्रीराम ने एक मेहरवान फारशेद की जनहित याचिका पर इन-चैंबर सुनवाई की। साथ ही निर्देश दिया कि इस जनहित याचिका में दिया गया आदेश अन्य दो जनहित याचिकाओं के मामले में भी लागू होगा, जो दयानंद स्टालिन और मुताहहर खान ने दायर की थी। सभी तीन जनहित याचिकाओं में एक जैसा मुद्दा उठाया गया था और कहा



गया था कि उन मरीजों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है,जो कोरोना से नहीं बल्कि किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं। इन सभी याचिकाओं में मांग की गई थी कि अस्पतालों को निर्देश दिया जाए कि उन मरीजों को भी पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की जाए जो कोरोना के अलावा अन्य किसी बीमारी का इलाज करवाने आते हैं। खान की जनहित याचिका में कई समाचार रिपोर्टों का उल्लेख किया गया है, जिनमें बताया गया है कि मुंबई के कई अस्पतालों ने अपनी सारी सुविधाओं को COVID-19 की महामारी का मुकाबला करने में समर्पित कर दिया है, इसलिए इन अस्पतालों में किसी भी अन्य बीमारी से पीड़ित रोगियों का इलाज नहीं किया जा रहा है। यहां तक आपातकालीन या आकस्मिक विभाग में आने वाले मरीजों का भी इलाज नहीं किया जा रहा है,जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से यह भी मांग की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शहर के अस्पतालों में Covid-19 से संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य मरीजों का इलाज भी किया जाए। जनहित याचिका में कहा गया है कि आम जनता को ऐसे अस्पतालों की एक सूची उपलब्ध कराई जानी चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता ए.वाई सखारे नगर निगम की ओर से पेश हुए और उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि वह निगम को इस मामले में उचित सलाह देंगे और इन जनहित याचिकाओं के जवाब में एक हलफनामा 29 अप्रैल, 2020 तक दायर कर दिया जाएगा। सखारे ने सुझाव दिया कि यदि याचिकाकर्ताओं के पास कोई मूल्यवान सुझाव है तो वे निगम के वरिष्ठ विधि अधिकारी को इस संबंध में एक पत्र लिखकर अपने सुझाव से अवगत करा सकते हैं। इस मामले में सीनियर एडवोकेट गायत्री सिंह याचिकाकर्ता मुताहहर खान और गौरव श्रीवास्तव याचिकाकर्ता मेहरवान फरशाद की तरफ से पेश हुए। केंद्र सरकार की तरफ से पेश होते हुए एएसजी अनिल सिंह ने कहा कि इस याचिका में उठाए गए विषय के साथ-साथ कई अन्य बड़े मुद्दे भी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं।