शनिवार, 16 मई 2020

थाना खुटहन पुलिस द्वारा एक वांछित अभियुक्त गिरफ्तार-

श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय, जौनपुर द्वारा अपराध एवं अपराधियो की गिर0 के चलाये जा रहे अभियान के क्रम मे श्रीमान अपर पुलिस अधीक्षक नगर महोदय जौनपुर के निर्देशन व श्रीमान  क्षेत्राधिकारी महोदय शाहगंज के कुशल मार्गदर्शन मे उ0नि0 सन्तराम यादव , हे0का0 रामबली यादव हे0का0 सुरेन्द्रनाथ सिंह द्वारा मुखबिर खास की सूचना पर  ग्राम पटैला से  अभियुक्त सोनू उर्फ इन्द्रसेन वर्मा पुत्र कन्तराम वर्मा निवासी ग्राम मखदूमपुर थाना खुटहन जनपद जौनपुर को गिरफ्तार किया गया गिरफ्तारी के पश्चात विधिक कार्यवाही की जा रही है। अभियुक्त उपरोक्त की गिरफ्तारी से इस प्रकार के अपराधो पर अंकुश लगेगा।


नाम पता अभियुक्त-                


सोनू उर्फ इन्द्रसेन वर्मा पुत्र कन्तराम वर्मा निवासी ग्राम मखदूमपुर थाना खुटहन जनपद जौनपुर।


आपराधिक इतिहास-


मु0अ0सं0-104/20 धारा 216ए भादवि थाना खुटहन जौनपुर            खुटहन जौनपुर।


गिरफ्तारी करने वाली टीम-


1.उ0नि0 सन्तराम यादव थाना खुटहन जौनपुर।


2.हे0का0 रामबली यादव, हे0का0 सुरेन्द्रनाथ सिंह थाना खुटहन जौनपुर।


 


 


थाना चन्दवक पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट में वांछित अभियुक्त गिरफ्तार

श्रीमान पुलिस अधीक्षक जनपद जौनपुर महोदय के कुशल निर्देशन में श्रीमान अपर पुलिस अधीक्षक नगर जौनपुर डा0 श्री संजय कुमार एवं क्षेत्राधिकारी केराकत श्री अजय श्रीवास्तव के निकट पर्यवेक्षण में वांछित/पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी के अभियान के क्रम में कार्यवाही करते हुए आज दिनांक 16/05/20 को प्रभारी निरीक्षक श्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में चन्दवक पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना पर मु0अ0सं0 44/20 धारा 3(1) उ0प्र0 गिरोहबन्द समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधि0 1986 में वांछित अभियुक्त दीपक यादव पुत्र स्व0 भगवान दास यादव नि0 सिंहपुर थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर को समय करीब 07:30 बजे गिरफ्तार किया गया।


गिरफ्तार अभियुक्त–
1-दीपक यादव पुत्र स्व0 भगवान दास यादव नि0 सिंहपुर थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर।
आपराधिक इतिहास-
1. मु0अ0सं0-232/19 धारा-272/419/420/467/468/471 IPC व 60 आबकारी अधिनियम चन्दवक जौनपुर।
2. मु0अ0सं0-44/20 धारा- 3(1) उ0प्र0 समाजविरोधी क्रिया कलाप निवारण अधि0 1986 चन्दवक जौनपुर।
3. मु0अ0सं-035/19 धारा-11 पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 व 3/5A/8 गौ हत्या निवारण अधिनियम उत्तर प्रदेश करण्डा गाजीपुर।
4.मु0अ0सं0-154/19 धारा-11 पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 व 3/5A/8 गौ हत्या निवारण अधिनियम उत्तर प्रदेश जमनिया गाजीपुर।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के सदस्य-
1-श्री दिग्विजय सिंह,  प्रभारी निरीक्षक थाना चन्दवक जनपद जौनपुर।
2-हे0का0 तेजप्रताप यादव थाना चन्दवक जनपद जौनपुर।
3-का0 जितेन्द्र सिंह, का0 सूरज सिंह यादव, का0 अमित सिंह, का0 संजय पटेल थाना चन्दवक जनपद जौनपुर।

धारा 498ए/304बी अभियुक्त तीर्थराम , रुपेश को क्षेत्राधिकारी सदर के कुशल मार्गदर्शन में किया गया गिरफ्तार ।

थाना-सिकरारा जौनपुर


श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद जौनपुर द्वारा अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में व श्रीमान् अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण महोदय जौनपुर के निर्देशन व श्रीमान् क्षेत्राधिकारी सदर महोदय के कुशल मार्गदर्शन में प्र0नि0 विनय प्रकाश सिंह मय हमराही द्वारा मु0अ0स0-77/020 धारा 498ए/304बी भादवि व ¾ डी0पी0 एक्ट थाना सिकरारा जौनपुर के अभियुक्त तीर्थराम पुत्र स्व0 रामसुन्दर निवासी ग्राम पहसना थाना सिकरारा जनपद जौनपुर व रुपेश पुत्र तीर्थराम निवासी ग्राम पहसना थाना सिकरारा जनपद जौनपुर को गिरफ्तार किया गया।



अभियुक्त का नाम व पता-


1.तीर्थराम पुत्र स्व0 रामसुन्दर निवासी ग्राम पहसना थाना सिकरारा जनपद जौनपुर।


2.रुपेश पुत्र तीर्थराम निवासी ग्राम पहसना थाना सिकरारा जनपद जौनपुर।   


आपराधिक इतिहास-  


मु0अ0सं0-0077/2020 धारा 498ए/304बी भादवि व ¾ डी0पी0 एक्ट थाना सिकरारा जनपद जौनपुर।


गिरफ्तार करने वाली टीम-



  1. 1. श्री विनय प्रकाश सिंह,  प्र0नि0 थाना सिकरारा जौनपुर।


2.हे0का0 रमेश कुमार यादव, का0 राधेश्याम थाना सिकरारा जौनपुर।


शुक्रवार, 15 मई 2020

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मृदा योजना के अंतर्गत 11.00 लाख रुपए का ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से किया गया वितरण

 उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमी विकास केंद्र ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन के गरिमामयी उपस्थिति में विशेष ऑन-लाइन रोजगार संगम का आयोजन किया गया जिसमें मा0 लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रमुख सचिव सुक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्योग नवनीत सहगल तथा बैंकों के प्रदेश स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
         ऑनलाइन रोजगार संगम में प्रदेश के 54889 लाभार्थियों को रुपए 2002 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। प्रदेश के शेष 75 जनपदों में भी उक्त कार्यक्रम का एनआईसी में आयोजन किया गया। इसी श्रृंखला में जनपद जौनपुर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मृदा योजना के अंतर्गत गोपाल निषाद, गुलाब नवी, प्रभात कुमार मौर्य, 11.00 लाख रुपए का ऋण वितरण विभिन्न बैंकों के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विभाग की मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना हेतु ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया। अब ऋण के इच्छुक अभ्यर्थी www.diupmsme.upsdc.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उद्यमी साथी एप है का भी लांच किया गया, जिसके माध्यम से उद्यमियों की समस्याओं का ऑनलाइन निस्तारण किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में 03 लाभार्थियों के अतिरिक्त उपयुक्त उद्योग, साहब सरन रावत, अग्रणी जिला प्रबंधक उदय नारायण एवं आईआईए अध्यक्ष बृजेश कुमार यादव उपस्थित रहे।                                                                    ---------


दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी जौनपुर द्वारा दिव्यांगजन होगे पुरस्कृत

जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी ने जनपद में निवासरत व्यक्तियों को अवगत कराया है कि प्रत्येक वर्ष विश्व दिव्यांग दिवस (03 दिसम्बर 2020) के अवसर पर दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिये जाते है। जिसके निमित्त विभाग द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार नियमावली-2017 जारी की गयी हेै। नियमावली में दी गयी व्यवस्थानुसार व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर आवेदनपत्र आमन्त्रित किये जाने है। राज्य स्तरीय पुरस्कार नियमावली-2017 के अन्तर्गत पुरस्कार हेतु दक्ष दिव्यांग कर्मचारी/स्वनियोजित दिव्यांगजन के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन हेतु सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ट प्लेसमेंट अधिकारी या एजेन्सी के लिए सेवायोजकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के लिए निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति तथा सर्वश्रेष्ठ संस्था के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, प्रेरणा स्रोत हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के जीवन सुधारने के लिए निमित्त सर्वश्रेष्ठ नवीन अनुसंधान या उत्पाद विकास के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन हेतु बाधामुक्त वातावरण के सृजन हेतु सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन को पुर्नवास सेवाएं प्रदान करने वाला सर्वश्रेष्ठ जिला के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग वयस्क व्यक्तियों एवं सर्वश्रेष्ठ बालक/बालिका हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ ब्रेस प्रेस के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के लिए सर्वोत्तम अनुकूल बेबसाइट हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए, दिव्यांगजन के सशक्तीकरण हेतु कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार निर्धारित है। पात्र आवेदक/आवेदनपत्र निर्धारित प्रारूप को पूर्ण करते हुए (जो कि दिव्यांगजन विभाग की बेवसाइट hwd.up.nic.in पर उपलब्ध हैं अथवा कार्यालय से प्राप्त करके) बिलम्बतम् 15 जुलाई 2020 तक प्रत्येक दशा में कार्यालय, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, विकास भवन जौनपुर में सायंकाल 5.00 बजे तक जमा करनेे का कष्ट करें। उक्त तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदनपत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।
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जिलाधिकारी ने विभिन्न स्थलों पर जाकर किया निरीक्षण

 जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा विकासखण्ड रामपुर के ग्राम पचुरखी में अस्थाई गौशाला, ग्राम पंचायत सपही में मनरेगा के तहत तालाब खुदाई कार्य का निरीक्षण किया तथा प्राथमिक विद्यालय अलीपुर, रामपुर एवं बीएनबी इंटर कॉलेज, मड़ियाहूं में रह रहे मुंबई तथा गुजरात से आए लोगों का हालचाल पूछा।गौशाला निरीक्षण के लिए जा रहे जिलाधिकारी ने विकासखण्ड रामपुर के ही ग्राम सहनपुर में बंद पड़े हॉट मिक्स प्लांट पर रुककर वहां काम करने वाले मजदूरों का हालचाल पूछा तथा उनसे पूछा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है। वहां काम करने वाले लोगों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हॉट मिक्स प्लांट बंद है लेकिन उनके ठेकेदार पप्पू तिवारी द्वारा उन्हें राशन तथा पैसा उपलब्ध कराया गया है, इसके अतिरिक्त गांव वालों ने भी उनकी मदद हेतु राशन दिया है इस वजह से उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। वही काम करने वाले सलमान ने बताया कि उनके दो छोटे-छोटे जुड़वा बच्चे हैं जिनके लिए दूध का पैसा नहीं है। जिस पर जिलाधिकारी ने स्वयं सलमान की पत्नी रुबी को 500 रुपये बच्चों को दूध पिलाने हेतु तथा एक छोटी बच्ची संजना को भी 50 रुपये दिए। जिलाधिकारी द्वारा बच्चों को भोजन के पैकेट भी वितरित किए गए। गौशाला निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रधान द्वारा गौशाला में की गई व्यवस्था से प्रधान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा अच्छी गौशाला का निर्माण कराया गया है। आंधी से गौशाला में टीन शेड उड़ गया था जिसके स्थान पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को निर्देशित किया कि वह 5000 रूपये तक का तिरपाल ले आए जिसका भुगतान जिलाधिकारी द्वारा राइफल क्लब के माध्यम से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने गौशाला के बाहर पड़ी जमीन पर एक पार्क विकसित करने तथा वहां पौधारोपण करने के साथ ही जिम बनवाने तथा बैडमिंटन एवं वॉलीबॉल खेलने की व्यवस्था करने के निर्देश ग्राम प्रधान को दिए। उन्होंने ग्राम प्रधान से कहा कि वहां खेलकूद की अच्छी व्यवस्था करें जिसके लिए खेलकूद प्रोत्साहन समिति से एक लाख रुपया दिया जाएगा।  


    
             गौशाला निरीक्षण के पश्चात जिलाधिकारी विकासखण्ड रामपुर के ही ग्राम पंचायत सपही पहुंचे जहां ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के तहत तालाब खुदाई का कार्य कराया जा रहा था। प्रधान द्वारा बहुत ही व्यवस्थित तरीके से तालाब खुदाई के कार्य को देखकर जिलाधिकारी ने प्रधान की प्रशंसा की तथा प्रधान को निर्देश दिया कि तालाब के ऊपर चारों तरफ घास लगवाकर वृक्षारोपण कराएं तथा वहां ग्राम वासियों को बैठने के लिए बेंच भी लगाए जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। जिलाधिकारी ने काम कर रहे हैं मजदूरों को भोजन के पैकेट दिए। उन्होंने कहा कि इस तालाब को मॉडल तालाब की तरह विकसित करें वह एक महीने के पश्चात फिर से तालाब के कार्य का निरीक्षण करने आएंगे। उन्होंने काम कर रहे मजदूरों से राशन, उज्ज्वला गैस के तहत सरकार द्वारा भेजे गए पैसे, जनधन के तहत लाभार्थियों के खाते में आए पैसों की जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने पंचायत सचिव को निर्देश दिया कि जिन लोगों के राशन कार्ड में कम यूनिट चढ़ी है उनकी पूरी यूनिट चढ़ा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
           विकासखण्ड रामपुर के ही प्राथमिक विद्यालय अलीपुर में जहां 06 लोग मुंबई से आकर रह रहे हैं उनसे मुलाकात की तथा उनका हालचाल पूछा। उन्होंने कहा कि यह लोग चाहे तो अपने घर में 21 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रह सकते हैं। अगर घर में अलग से क्वॉरेंटाइन रहने की व्यवस्था नहीं है तो वह स्कूल में ही रहे, उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह अभी किसी को स्पर्श न करें और न ही कोई उनको स्पर्श करें। जिलाधिकारी ने आशा को  निर्देश दिया कि वह प्रतिदिन गांव में भ्रमण करें तथा बाहर के आए लोगों की निगरानी करें। किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत सूचना दें तथा उसका सैंपल करवाएं। बीएनबी इंटर कॉलेज, मड़ियाहूं में मुंबई तथा गुजरात से आए 100 लोगों को रखा गया है जिनकी थर्मल स्क्रीनिंग पूर्ण हो चुकी है, इनमें से कुछ लोगों का रेंडम सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने इन लोगों को भी 21 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश दिए।
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विकास क्षेत्र मड़ियाहूं के कार्यरत शिक्षकों द्वारा दिया गया राहत सामग्री

 वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत विकास क्षेत्र मड़ियाहूं में कार्यरत शिक्षकों द्वारा कुल 101 कुंतल राहत सामग्री गरीबों एवं असहायों में वितरण हेतु जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को उपलब्ध कराई गई। उपलब्ध कराई गई सामग्री में 35 कुंतल आटा, 05 कुंतल 10 कि.ग्रा. दाल, 05 कुंतल चीनी, 15 कुंतल आलू, 15 कुंतल प्याज, 20 कुंतल नमक, 1800 बोतल सरसों तेल, 3000 पाउच मसाला सम्मिलित है।


 



             इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. विशाल सिंह, मंत्री प्रदीप कुमार सूर्या, शशांक शेखर मिश्र, अमित कुमार मिश्र, साकेत सिंह, सतीश कुमार, राजकुमार सिंह, अमित अस्थाना नवीन कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।


क्या हम उन्हें चलने से रोक सकते हैं ?सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों पर आदेश जारी करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें मांग की गई थी कि पैदल चल रहे सभी प्रवासी मजदूरों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे नि: शुल्क और गरिमापूर्ण तरीके से अपने मूल स्थानों पर पहुंचे, देश के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को तत्काल दिशा-निर्देश दिए जाएं। औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों की मौत के मद्देनज़र ये हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की गई थी।



जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने कहा कि अदालत के लिए स्थिति की निगरानी करना संभव नहीं है।


"हम उन्हें चलने से कैसे रोक सकते हैं? इस न्यायालय के लिए यह निगरानी करना असंभव है कि कौन चल रहा है और कौन नहीं चल रहा है?" जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा, जो पीठ का नेतृत्व कर रहे थे।


इस मामले में सुनवाई के दौरान पीठ के एक अन्य जज जस्टिस एसके कौल ने कहा, "प्रत्येक वकील अचानक कुछ पढ़ता है और फिर आप चाहते हैं कि हम समाचार पत्रों के आपके ज्ञान के आधार पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत मुद्दों का फैसला करेंगे?" जाओ और सरकार के निर्देशों को लागू करो! हम आपको एक विशेष पास देंगे और आप जाकर जांच करेंगे।" पेटिशनर-इन-पर्सन अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर अर्जी में कहा गया था कि 8 मई को औरंगाबाद जिला (महाराष्ट्र) के गढ़ेजलगांव में हुई दिल दहला देने वाली घटना के मद्देनज़र शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है, जिसमें सुबह 5.30 बजे पैदल चल रहे मध्यप्रदेश जा रहे


कम से कम 16 प्रवासी कामगारों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार ने पहले ही एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवहन प्रदान करना शुरू कर दिया है :


"सरकार ने पहले से ही प्रवासी श्रमिकों की मदद करना शुरू कर दिया है। लेकिन, वे अपनी बारी का इंतजार नहीं कर रहे हैं और वे चलना शुरू कर रहे हैं। अंतरराज्यीय समझौते के अधीन होने पर, हर किसी को यात्रा करने का मौका मिलेगा। बल का उपयोग करना उल्टा पड़ सकता है। वे इसके लिए इंतजार कर सकते हैं। पैदल चलने की बजाय, रुकना चाहिए। "


उन्होंने आगे कहा कि अगर लोग नाराज हो जाते हैं और परिवहन के लिए इंतजार करने के बजाय पैदल यात्रा शुरू करते हैं, तो कुछ भी नहीं किया जा सकता है। सरकार केवल निवेदन कर सकती है कि लोग न चलें।


इन दलीलों के मद्देनज़र बेंच ने अंतरिम अर्जी को खारिज कर दिया।


अर्जी में विभिन्न मीडिया रिपोर्टों का उल्लेख किया गया था और यह अदालत को प्रस्तुत किया गया था कि ऐसी ही कई अन्य घटनाएं हैं, जिसमें गरीब प्रवासी मजदूरों की भूख या सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है, जो पैदल यात्रा करके अपने मूल स्थानों पर लौट रहे थे। IA में आगे सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता द्वारा 31 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान दिए गए एक बयान का जिक्र किया गया था जिसे शीर्ष अदालत ने अपने आदेश 31.03.2020 में दर्ज किया था: " अपने गृहनगर / गांव तक पहुंचने का प्रयास चलने वाला अब कोई व्यक्ति सड़कों पर नहीं है। IA में यह भी प्रस्तुत किया कि, केंद्र की ओर से स्थिति की गंभीरता और उचित कार्रवाई की कमी को देखते हुए, प्रवासी मजदूरों के कीमती जीवन के नुकसान की संभावना बढ़ गई है।


इसलिए, भारत के प्रत्येक जिले के जिला मजिस्ट्रेटों के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए थे कि वे अपने संबंधित जिलों में ऐसे घूमने वाले / फंसे हुए प्रवासी कामगारों की तुरंत पहचान करें, उन्हें तुरंत नजदीकी आश्रय घरों / शिविरों में शिफ्ट करें, उन्हें पर्याप्त भोजन, पानी, दवाएं, परामर्श आदि उपलब्ध कराएं और उचित चिकित्सीय परीक्षण के बाद, उन्हें अपने-अपने पैतृक गांवों में, पूरी गरिमा के साथ भेजना सुनिश्चित करें।


गुरुवार, 14 मई 2020

गैंगेस्टर एक्ट का वांछित इनामिया गिरफ्तार,अपराधियों के विरुद्ध अभियान जारी

जौनपुर पुलिस अधीक्षक  जनपद जौनपुर के द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये गये अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक नगर  व क्षेत्राधिकारी नगर  के पर्यवेक्षण एवं दिशा निर्देशन में थाना कोतवाली पुलिस द्वारा मुखविर की सूचना पर गैंगेस्टर एक्ट का वांछित, ईनामिया अभियुक्त नन्हे उर्फ ब्रहमप्रकाश यादव पुत्र इन्दर यादव निवासी जेठपुरा थाना सरायख्वाजा जनपद जौनपुर को गिरफ्तार किया गया।



गिरफ्तार वांछित का नाम व पता-


1.नन्हे उर्फ ब्रहमप्रकाश यादव पुत्र इन्दर यादव निवासी जेठपुरा थाना सरायख्वाजा जनपद जौनपुर।


आपराधिक इतिहास-


1.मु0अ0सं0 99/20 धारा 3(1) गैगेस्टर एक्ट थाना कोतवाली जौनपुर।


2.मु0अ0सं0 628/19 धारा 379 भादवि थाना कोतवाली जौनपुर।


3.मु0अ0सं0 642/19 धारा 379 भादवि थाना कोतवाली जौनपुर।


4.मु0अ0सं0 645/19 धारा 379 भादवि थाना कोतवाली जौनपुर।


गिरफ्तारी करने वाली टीम-


1.श्री पवन कुमार उपाध्याय प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली जौनपुर।


2.का0 अनन्त सिंह, का0 मनीष कुमार सिंह, का0 रोशन यादव, .का0 जितेन्द्र पाण्डेय , का0 कृष्ण मुरारी, का0 सुधीर कुमार दूवे का0 अभय नरायन सिंह थाना कोतवाली जौनपुर।


बोलता कैमरा पूछता सवाल?

     


श्रीमान जिलाधिकारी महोदय यह तस्वीर जिलापूर्ती अधिकारी कार्यालय मे राशन कार्ड पर नाम चढ़वाने वाले लोगो की है इन कर्मचारियो से इतना सट कर काम कराने वाले कार्ड धारक नही है। क्या यह सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन नही है? इन पर क्या कार्यवाही होगी?


डीएम एवं एसपी ने जलालपुर के गांव करदहां पहुंचकर बाहर से आए लोगों की होम क्वॉरेंटाइन की हकीकत जानी

जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार जलालपुर के गांव करदहां पहुंचकर बाहर से आए लोगों की



होम क्वॉरेंटाइन की हकीकत जानी। गांव में 11 दिन पहले कानपुर से आए अनीश सिंह, भिवंडी मुंबई से आए चंदन सिंह, ज्योति सिंह एवं 03 दिन पहले मुंबई से आए फेंकू के घर जाकर उनके होम क्वॉरेंटाइन की स्थिति जानी। जिलाधिकारी ने सभी से अपील की कि वह 21 दिन होम क्वॉरेंटाइन में ही रहें। घर के किसी भी सदस्य को स्पर्श न करें न ही घर का कोई सदस्य ने उन्हें स्पर्श करें तथा घर से बाहर 21 दिन तक न निकले। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि अगर अन्य जनपदों अथवा प्रदेशों से आने वाले लोगों में से किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका तुरंत स्वास्थ्य परीक्षण कराकर सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा जाए। जिलाधिकारी ने गांव की आशा प्रभावती सरोज एवं आरती शर्मा से बाहर से आए लोगों की सूची बनाने एवं उनकी निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम प्रधान से कहा कि निगरानी समिति की बैठक रोजाना करें।        


डीएम एवं एसपी ने ट्रामा सेंटर का किया निरीक्षण

 जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया गया, जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी रामजी पांडेय ने बताया कि ट्रामा सेंटर में इस समय सिटी स्कैन, आईसीयू, एक्सरे मशीन तथा अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था हो गई है। ट्रामा सेंटर में तीन डॉक्टर हैं। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि ट्रामा सेंटर के पास वाली जमीन का ग्राम प्रधान से प्रस्ताव बनाकर ट्रामा सेंटर के डॉक्टर तथा स्टाफ के आवास बनाने के लिए एवं ट्रामा सेंटर को और अधिक विस्तृत बनाने के उपयोग करें, निरीक्षण के दौरान डॉ आर के सिंह मौजूद रहे।


चुनाव में अयोग्य करार गुजरात के मंत्री भूपेंद्रसिंह चुड़ास्मा ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

गुजरात के कानून मंत्री भूपेंद्रसिंह मनुभा चुड़ास्मा ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा राज्य विधानसभा के लिए दिसंबर 2017 के चुनाव को रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुड़ास्मा को दिसंबर 2017 के गुजरात राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विनभाई खमशुभाई राठौड़ से 327 मतों के अंतर से विजेता घोषित किया था। इस बीच, राठौड़ ने भी वकील सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर कैविएट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है कि कोर्ट कांग्रेस नेता की बात सुने बिना मामले में कोई आदेश जारी न करे। दरअसल राठौड़ ने गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव परिणामों की वैधता पर ये कहते हुए सवाल उठाया कि रिटर्निंग अधिकारी धवल जानी द्वारा 429 पोस्टल बैलेट को मतगणना


 



के दौरान अवैध रूप से विचार से बाहर रखा गया था।राठौड़ ने दावा किया था कि इस हेरफेर को छिपाने के लिए चुनाव रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की गई। वकील ईसी अग्रवाला के माध्यम से दायर अपनी अपील में, चुडासमा ने तर्क दिया है कि "उच्च न्यायालय मामले के उचित तथ्यों की सराहना करने में विफल रहा है और याचिकाकर्ता के सफल चुनाव को अवैध और शून्य के रूप में आयोजित करने में पूरी तरह से गलत निष्कर्ष पर पहुंचा है।" याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने यह नहीं माना कि जहां तक ​​429 पोस्टल बैलेट की अवैध अस्वीकृति का संबंध है, कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम 54-ए में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पोस्टल बैलेट और वोट के बीच अंतर होता है। जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा -111 ए के तहत इस अपील में कहा गया है कि एक पोस्टल बैलेट तभी वोट में तब्दील होता है जब फॉर्म 13-बी में शामिल किए गए नियम 54 (6) से पहले ही निपटा जाता है और इसके बाद पोस्टल बैलेट 54 (7) पर एक वोट बन जाता है और ये एक के बाद एक खोले जाते हैं और इसलिए वर्तमान मामले में केवल 429 पोस्टल बैलेट ही खारिज किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि गुजरात उच्च न्यायालय इस बात की सराहना करने में विफल रहा कि मतगणना प्रक्रिया में कानून का पालन किया गया था। पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू हुई और ईवीएम वोटों की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू हुई, जो कानून के अनुरूप है। चूड़ास्मा ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर के साक्ष्य से भी यह रिकॉर्ड में आया है। वैसे चूड़ास्मा ने अपनी अपील में कहा है कि परिणामों की घोषणा के समय या पूर्व में, 429 पोस्टल बैलेट की अस्वीकृति के बारे में राठौड़ या उनके मतगणना एजेंट की ओर से कोई लिखित शिकायत और / या कोई मांग या आपत्ति नहीं आई थी। गौरतलब है कि मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने राठौड़ के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि यह साबित होता है कि चुनाव में मतगणना के समय रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 327 वोटों के जीत के अंतर के विपरीत 429 पोस्टल बैलेट को अवैध रूप से खारिज / विचाराधीन रखा गया था। चूड़ास्मा के चुनाव को जनप्रतिनिधित्व कानून के कई प्रावधानों के तहत शून्य घोषित करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव का परिणाम 429 मतों की "अवैध अस्वीकृति" से भौतिक रूप से प्रभावित हुआ है। उच्च न्यायालय ने यह भी माना था कि चूड़ास्मा और उनके "चुनाव एजेंट" ने न केवल प्रयास किया बल्कि चुनाव में संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर से सफलतापूर्वक सहायता प्राप्त की है। हालांकि, उच्च न्यायालय ने, राठौड़ द्वारा 2017 के चुनावों के लिए उन्हें सफल उम्मीदवार घोषित करने के लिए की गई प्रार्थना की अनुमति नहीं दी। न्यायाधीश ने निर्देश दिया था कि इस आदेश के बारे में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग को सूचित किया जाए।