शुक्रवार, 1 मई 2020

शाहगंज ब्लाक के शिक्षकों ने 268.91 कुन्तल राशन सामग्री किया’प्रदान

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर विकास खण्ड शाहगंज के परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों के द्वारा कोविड-19 पीडि़त व्यक्तियों व उनके परिजनों के सहायतार्थ 268.91 कुन्तल खाद्य सामग्री जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को उपलब्ध कराया। खण्ड शिक्षा अधिकारी शाहगंज राजीव कुमार यादव के नेतृत्व में ब्लाक के शिक्षक 12 पिकअप गाडि़यों पर राशन लाद कर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। कुल 268.91 कुंतल राशन जिसमे 87.68 कुन्तल गेहूं का आटा, 42.23 कुन्तल गेंहू, 82.85 कुन्तल चावल, 7.75 कुन्तल अरहर दाल, 13.04 कुन्तल चीनी,  14.37 कुन्तल प्याज, 11.87 कुन्तल आलू, 6.09 कुन्तल नमक व 325 ली. सरसो तेल और 1348 पैकेट मसाला उपलब्ध कराया गया।



    जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अभी तक पूरे प्रदेश में इतना अधिक खाद्य सामग्री किसी ने नहीं उपलब्ध कराया है जितना शाहगंज ब्लाक ने किया है। उन्होने कहा कि जनपद सदैव बेसिक शिक्षकों का आभारी रहेगा जिन्होंने अपने एक दिन का वेतन देने के बावजूद भी राशन आदि उपलब्ध कराने में बढ चढ कर सहयोग कर पुनीत कार्य किया है।खाद्यान्न सामग्री सौंपते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने कहा कि मैं विकास खण्ड शाहगंज के शिक्षकों का सदैव आभारी रहूंगा जिनके सार्थक प्रयास से आज इतनी अधिक खाद्य सामग्री कोविड-19 के पीडि़तों के सहायतार्थ प्रदान किया गया। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह, मोहम्मद मुस्तफा, ड0 सभाजीत यादव, वीरेंद्र सिंह, डॉ0 अभिषेक सिंह,  ओमप्रकाश यादव, उमाशंकर यादव, डॉ0 रत्नेश सिंह, रविन्द्र नाथ यादव, मनोज कुमार यादव, अखिलेश चन्द्र मिश्र, सजल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार,अशोक कुमार, अखिलेश यादव, बदिउज्जमा, अशोक कुमार सोनकर, उमेश पाठक, पंकज सिंह, अनिरुद्ध मौर्य, अशोक कुमार मौर्य, अजय कुमार मौर्या, प्रमोद कुमार, बुधिराम, धनंजय मिश्र सहित ब्लॉक के कई सम्मानित शिक्षक उपस्थित रहे।

                             --------


पूर्व सांसद व सदस्य विधान परिषद ने पीपीई किट,मास्क, सैनिटाइजर कराया उपलब्ध

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के निर्दशन में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व सदस्य विधान परिषद बृजेश सिंह प्रिंसू के सौजन्य से पूर्व विधायक राजदेव सिंह, आर.एस.एस. जिला संचालक डॉ वेद प्रकाश , विभाग प्रचारक संतोष की उपस्थिति में कोरोना वायरस संक्रमण से डॉक्टरों के बचाव हेतु 90 पीपीई किट, 150 एन-95 मास्क तथा अस्पताल को सैनिटाइज करने के लिए 100 लीटर सैनिटाइजर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं मुख्य चिकित्साधिकारी रामजी पाण्डेय को जिला अस्पताल में उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर एमएलसी ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में डा. तथा स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम अपनी जान की परवाह किये बगैर कार्य कर रही है जिसके लिए बधाई के पात्र है। उन्होने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सैनिटाइजर, मास्क तथा पीपीई किट की आगे भी डिमांड करेंगे तो उनको उपलब्ध कराया जाएगा।



जिलाधकारी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व सदस्य विधान परिषद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टर दिन-रात कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लगे हुए हैं, उनके लिए स्वयं का बचाव भी अत्यंत आवश्यक है। आज एमएलसी द्वारा पीपीई किट,सैनिटाइजर तथा मास्क डॉक्टरों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं जो डॉक्टरों को कोरोना संक्रमण के बचाव में सहायता करेंगे, जिसके लिए अस्पताल प्रशासन उनका आभारी रहेगा । उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को देखते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए डॉक्टर स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मरीज कम से कम दो 02 मीटर की दूरी पर रहे । डॉक्टर तथा मरीज मास्क लगाकर रहे। सदस्य विधान परिषद, पूर्व विधायक द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान कोरोना इन्फेक्शन/पर्ची काउन्टर सभी कर्मचारी पीपीई डेªस में मरीजों की थर्मल स्कैनिंग कर रहे थे । इमरजेन्सी रूम, फ्लू कार्नर रूम तथा कोरोना क्वारेन्टाइन वार्ड में सभी चिकित्साधिकारी पीपीई ड्रेस में उपलब्ध थे।
      निरीक्षण के दौरान सी.एम.एस जिला पुरूष चिकित्सालय  ए.के. शर्मा , सी.एम.एस महिला चिकित्सालय आर.एस सरोज, पूर्व महामंत्री टी.डी. कालेज नवीन सिहं, देवेन्द्र तिवारी, शैलेन्द्र यादव,नितेश सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।  


महामारी से निपटने के दृष्टिगत राहत कैंप एवं अन्य स्थलों पर शरण लिए हुए व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जाने हेतु कच्ची खाद्य सामग्री की वितरण करने के लिए सामग्रियों का तत्कालिक तौर पर उपलब्ध कराए जाने हेतु निविदा आमंत्रित

 अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोविड 19 की महामारी से निपटने के दृष्टिगत जनपद में बेघर व्यक्ति, प्रवासी श्रमिक, लॉक डाउन के कारण फंसे हुए व्यक्ति व राहत कैंप एवं अन्य स्थलों पर शरण लिए हुए व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जाने हेतु कच्ची खाद्य सामग्री की वितरण करने के लिए सामग्रियों का तत्कालिक तौर पर उपलब्ध कराए जाने हेतु निविदा आमंत्रित की जा रही है। प्रदेश के जनपदों में अस्थाई आश्रय स्थल में क्वॉरेंटाइन अवधि पूर्ण होने के पश्चात उन्हें मुक्त करते समय राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी गाइड लाइंस के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को उनके साथ में 15 दिन का राशन यथा 10 किलो आटा, 10 किलोग्राम चावल, 05 किलोग्राम आलू, 02 किलो ग्राम भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 200 ग्राम हल्दी का पाउडर, 200 ग्राम धनिया पाउडर, 200 ग्राम मिर्च पाउडर, सरसों तेल किए गए व्यक्तियों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूर्ण होने के बाद उन्हें कच्चे खाद्य सामग्री 15 दिन का किट उपलब्ध कराई जानी है एवं कोविड 19 महामारी के दृष्टिगत जनपद में बेघर व्यक्ति, प्रवासी श्रमिक, लॉक डॉउन के कारण फंसे हुए व्यक्ति व राहत कैंप एवं अन्य स्थलों पर शरण लिए हुए व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जाने हेतु पके भोजन के स्थान पर कच्ची खाद्य सामग्री किट एक परिवार को एक सप्ताह के लिए उपयोगार्थ कच्ची खाद्य सामग्री के रूप में किट व्यवस्थित कर परिवहन, पैकिंग एवं वितरण में वे व्यय को सम्मिलित करते हुए उपलब्ध कराने पर उसका व्यय भार प्रत्येक दशा में रुपए 800 से अधिक न हो दोनों निविदा हेतु कच्ची खाद्य सामग्री की वितरण करने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों का तत्कालिक तौर पर उपलब्ध कराए जाने हेतु निविदा आमंत्रित की जाती है, निविदा फार्म आपदा कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।


मई दिवस- अन्र्तराष्ट्रीय मजदूर एकता दिवस

मजदूर दिवस आजमगढ़ के तत्वावधान में मई दिवस का कार्यक्रम सामायिक कारवाॅ रैदोपुर स्थित कार्यालय पर प्रतीक रूप से सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम मजदूर नेताओं को पुष्प अर्पित कर संदीप द्वारा क्रान्तिकारी गीत से श्रधांजलि दी गयी। वीडियो/आडियो क्रांफ्रेसिंग के माध्यम से कर्मचारी शिक्षक नेताओं तथा छात्रों-नौजवानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं, मजदूर नेताओ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभायी। डा0वी0एन0गौड़ ने कहा कि दुनिया के मजदूरों एक हो का नारा आज इस रूप में साकार दिख रहा है कि पूरी दुनिया में मजदूर वर्ग कोरोना संकट के कारण गम्भीर आर्थिक बदहाली में जा चुका है। लेकिन इस विकट परिस्थिति में वह अपने शक्तियों का प्रर्दशन नहीं कर पा रहा है। मजदूर एकता की हम आकाक्षां करते हैं।



      हवलदार यादव ने मजदूर दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज देश में मजदूरों की स्थिति बेहद चिन्ताजनक है। पूजीवादी व्यवस्था और सत्तारूढ़ सरकार केवल कोरे नारे लगाकर मजदूरों को बहका रही है। 


      डा0 रवीन्द्र नाथ राय ने कहा कि समाज के दोनों उत्पादक शक्तियाॅ-कृषि और औद्योगित क्षेत्रों में काम करने वाली, आज के पूजीवादी व्यवस्था में भयंकर अर्थिक तबाही झेल रही है जबकि देश के बड़े-बड़े पूजीपति विश्व स्तर के पूजीपतियों में अपनी रैंक बढ़ा रहे हैंै। शिक्षक कर्मचारी संघ के संयोजक वशिष्ठ सिंह ने शिकागो के शहीदों को श्रधांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज देशभर के करोड़ो मजदूर भूख व सामाजिक असुरक्षा के दलदल में फंस गये हैं और पूजीप्रति वर्ग कोरोना जैसे महामारी के संकट काल में भी मुनाफा इकट्ठा करनें के चक्कर में पड़ा हुआ है। छात्र नेता राहुल पूंजीवादी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया की सारी उन्नति, अट्टालिकाओं से लेकर चमचमाती गाड़ियो तक मजदूर वर्ग के श्रम से तैयार हुई है। जबकि उसके पास खाने का ठिकाना नहीं है। रिलीफ कमेटी के अनीस भाई ने कहा कि देश के कोने-कोने में फसे हुए मजदूरों को सुरक्षित तौर पर उनके घर पहंुचाने और उन्हे समुचित बेरोजगारी भत्ता देने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। बीड़ी मजदूर नेता काम0 बैजनाथ ने कहा कि कोरोन संकट के समय में बड़े-बेड़े पूजीपतियो की 68हजार से अधिक की कर्जमाफी देश की गरीब जनता व मजदूरों के साथ अन्याय है।


माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय महामंत्री इन्द्रासन सिंह नवोदय विद्यालय के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश राय किसान संग्राम समिति के नेता रामाश्रय यादव ओम प्रकाश भारती जनवादी लोक मंच के कन्हैया लाल यादव अनिल चर्तुवेदी आदि ने टेलीफोन से मजदूर दिवस के कार्यक्रम की सफलताये की सुभकामनाये भेजी। कार्यालय पर उपस्थित साथियों ने मजदूर दिवस के अवसर पर नारा लगाया- कोरोना वायरस से लड़ेगे- मानव जाति को बचायेगें।


केंद्र ने फंसे हुए श्रमिक और अन्य लोगों को स्पेशल ट्रेनों से उनके गंतव्य तक जाने की दी अनुमति

यात्री ट्रेन सेवाओं के पूर्ण निलंबन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को विशेष ट्रेनों द्वारा लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और अन्य व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी है।



गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक आदेश जारी किया जिसमें लॉकडाउन में फंसे हुए प्रवासी मज़दूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि के एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवहन की अनुमति दी गई, जिनमें COVID-19 के कोई लक्षण नहीं पाए जाते हों। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 10 (2) (एल) के तहत शक्तियों को लागू करने वाले गृह सचिव द्वारा जारी इस आदेश में उस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए। रेल मंत्रालय टिकटों की बिक्री और रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्मों और ट्रेनों में सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षा उपायों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी करेगा। 22 मार्च से नियमित यात्री ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार की सुबह 1200 यात्रियों को लेकर 1200 पहली विशेष ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के लिए रवाना हुई। इस तरह की दूसरी ट्रेन केरल के एर्नाकुलम से शाम को ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए प्रस्थान करने वाली है। ट्रेन में 1,000 से अधिक लोगों के ले जाने की उम्मीद है,


लॉकडाउन हटने के बाद भी जिन इलाकों में काम पर नहीं आ रहे मजदूर, उनकी मजदूरी काट लें मालिक ,बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने गुरुवार को उन इलाकों में, जहां लॉकडाउन खत्म हो चुका है, नियोक्ताओं को उन मजदूरों की मजदूरी काटने की अनुमति दी, जो काम पर नहीं आ सके। गृह मंत्रालय द्वारा 29 मार्च को जारी निर्देंश, जिनमें लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारियों को पूरी मजदूरी का भुगतान करने को कहा गया था, में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए जस्टिस आर वी घुगे ने स्पष्ट किया: "यह स्पष्ट किया जाता है कि चूंकि महाराष्ट्र ने आंशिक रूप से राज्य में कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में लॉकडाउन खत्म कर दिया है, इसलिए श्रमिकों से अपेक्षा की जाती है कि वो शिफ्ट के अनुसार रिपोर्ट करें। उन्हें नियोक्ता द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी। यदि कर्मचारी स्वेच्छा से अनुपस्थित रहते हैं तो प्रबंधन को यह आजादी होगी कि वह उनकी मजदूरी में कटौती करे। हालांकि ऐसी कार्रवाई शुरू करते समय कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।



यह उन क्षेत्रों पर भी लागू होगा जहां शायद लॉकडाउन नहीं किया गया है।" जस्टिस आरवी घुगे ने एलाइन कंपोनेंट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जर‌िए एक ही जैसी कई याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि प्रबंधन श्रमिकों को काम देने के लिए तैयार है और श्रमिक काम करने के लिए तैयार हैं, हालांकि COVID 19 के कारण निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप, प्रबंधन को निर्माण गतिविधियों को रोकना पड़ा है। इस पृष्ठभूमि में, याचिकाकर्ताओं ने प्रार्थना की थी कि जब तक कि निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहता है, उन्हें मासिक मजदूरी का भुगतान करने से छूट दी जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट टीके प्रभाकरन ने कहा कि याचिकाकर्ता सकल मजदूरी का 50% या न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत निर्धारित मजदूरी की न्यूनतम दरों, जो भी अधिक हो, का भुगतान करने के इच्छुक हैं। भारत सरकार की ओर से पेश एडवाकेट डीजी नागोडे और राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट डीआर काले ने कोर्ट से समय मांगा। जस्टिस घुगे ने कहा- "माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल 2020 को फिकस पैक्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य मामलों के एक समूह में एक आदेश पारित किया ‌था, जिसमें नियोक्ताओं / प्रबंधन द्वारा ऐसा ही अनुरोध किया गया था। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था, लेकिन कोई अंतरिम राहत नहीं दी थी। केरल हाईकोर्ट ने केरल सरकार के वित्त विभाग द्वारा 23 अप्रैल 2020 को जारी एक आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें 50% वेतन के भुगतान की अनुमति दी गई है और शेष 50% वेतन का भुगतान स्थगित कर दिया गया है।" न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ऐसे ही मामलों से डील कर रहा हैहै, इसलिए यह उक्त अधिसूचना में हस्तक्षेप नहीं करेगा।


अधिसूचना जारी , केंद्र सरकार ने दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया

केंद्र सरकार ने ग्रीन और ऑरैंज क्षेत्रों में "कुछ राहत" के साथ 4 मई से अगले दो सप्ताह की अवधि के लिए देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन के दूसरे चरण की समाप्ति के दो दिन पहले यह घोषणा की गई। केंद्र ने 24 मार्च को COVID-19 महामारी के फैलने को नियंत्रित करने के लिए 21-दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद 14 अप्रैल को केंद्र ने 3 मई तक लॉकडाउन के विस्तार की घोषणा की।


गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

बोलता कैमरा पूछता सवाल?

ईश्वर उनको और सम्पन्न बनाये जो ऐसी आपदा मे गरीबो की मदद कर रहे है



परंतु सोचे कि थोड़ी सी मदद पर ढेर सारी तस्वीरे खिचवाने वालो वाह वाही के भुक्खडो क्या यह उचित और अच्छा है कि एक ईमानदार गरीब परंतु स्वाभीमानी व्यक्ति को खाने के पैकट एवं थोड़े से राशन के बदले उनकी तस्वीरो को वायरल कर उनको उनकी ही नजरो से गिरा रहे हों क्या यह सही है? 


जिलाधिकारी ने शेल्टर होम का किया निरीक्षण

   जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा पूर्व मा.विद्यालय फत्तूपुर में बने शेल्टर होम, ग्राम पंचायत चांदपुर तथा भरसवॉ में मनरेगा के तहत कराए जा रहे हैं कार्यों का निरीक्षण किया गया । जिलाधिकारी ने अस्थाई गौशाला चांदपुर प्रथम का भी निरीक्षण किया । मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों में जिलाधिकारी ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के निर्देश दिए । उन्होंने वहां काम कर रहे हैं मजदूरों को भोजन के पैकेट वितरित किए तथा ग्राम प्रधान अरविन्द सिंह द्वारा सभी मजदूरों को 05 किलो चावल मुफ्त दिया गया । डमरूआ की ग्राम प्रधान मंजु तिवारी  द्वारा 10 कुन्तल भूसा गौशाला में दान हेतु जिलाधिकारी की उपस्थिति में दिया गया।
                               


जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा ने दिया 50 कुंतल भूसा तथा 51 कुंतल गेहूं

 जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा प्रमोद यादव द्वारा क्षेत्र प्रचारक आर.एस.एस अशोक उपाध्याय एवं प्रमोद उपाध्याय की उपस्थिति में अपने निवास स्थान ग्राम सीठापुर, बोधापुर में दानस्वरूप 50 कुंतल भूसा तथा 51 कुंतल गेहूं जिलाधिकारी को सौंपा गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने भूसा एवं गेहूं दान के लिए प्रमोद यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि प्रमोद यादव द्वारा दिया गया गेहूं गरीब एवं असहायों में वितरित किया जाएगा तथा भूसा गौवंशों हेतु गौशालाओं में भेजा जाएगा।    



PM मोदी के संसदीय क्षेत्र में बढ़ रही संक्रमितों की तादाद,3 मई तक बनारस में सब कुछ रहेगा बंद

वाराणसी. पीएम मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. बुधवार को वाराणसी में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन नए मामले और सामने आ गए. जिसके चलते अब वाराणसी में संक्रमितों की संख्या 52 हो गई है. मंगलवार को एक दर्जन नए मामले आने के बाद वाराणसी डीएम ने नगर क्षेत्र को एक दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया था लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब 3 मई तक के लिए बनारस जनपद की सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रखने के निर्देश दे दिए गए हैं.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं. ये तीनों व्यक्ति सप्तसागर दवा मंडी के कोरोना पॉजिटिव व्यापारी के संपर्क में आए थे. इनमें महमूरगंज के 43 वर्षीय एक दवा व्यवसायी हैं. जबकि 25 वर्षीय युवक व दूसरे संक्रमित व्यक्ति की दुकान संक्रमित व्यापारी की दुकान आस-पास है. जबकि 29 वर्षीय तीसरा संक्रमित व्यक्ति सप्त सागर मंडी में एक दुकान में काम करने वाला कर्मचारी है. जिलाधिकारी ने बताया कि अब वाराणसी में संक्रमण के 52 मामले हो गए हैं. अभी तक यहां 14 हॉटस्पॉट थे लेकिन अब तीन नई जगहों को भी हॉटस्पॉट बनाये जा रहे हैं.

दवा की दुकानें भी नहीं खुलेंगी
वाराणसी में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए सभी दुकानों को 3 मई तक पूर्ण रूप से बंद रखने का निर्देश दिया गया है. इस बीच दवा तक की दुकानें नहीं खोली जाएंगी. होम डिलीवरी के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की जाएगी. डीएम ने कहा है कि यदि इस नियम का पालन कोई व्यक्ति नहीं करता पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.



 







 


COVID-19: 3 मई तक बनारस में सब कुछ रहेगा बंद, PM मोदी के संसदीय क्षेत्र में बढ़ रही संक्रमितों की तादाद


Varanasi News in Hindi

 

 



COVID-19: 3 मई तक बनारस में सब कुछ रहेगा बंद, PM मोदी के संसदीय क्षेत्र में बढ़ रही संक्रमितों की तादाद
बढ़ रही है वाराणसी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या (सांकेतिक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)

 




वाराणसी में बुधवार को 3 और लोगों की कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) रिपोर्ट आने के बाद 3 मई तक वाराणसी में संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) घोषित किया गया है. बिना मेडिकल इमरजेंसी के जो भी घर से निकलेगा या शहर के अंदर आने या शहर के बाहर जाने की कोशिश करेगा उस पर FIR दर्ज की जाएगी.



वाराणसी. पीएम मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. बुधवार को वाराणसी में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन नए मामले और सामने आ गए. जिसके चलते अब वाराणसी में संक्रमितों की संख्या 52 हो गई है. मंगलवार को एक दर्जन नए मामले आने के बाद वाराणसी डीएम ने नगर क्षेत्र को एक दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया था लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब 3 मई तक के लिए बनारस जनपद की सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रखने के निर्देश दे दिए गए हैं.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं. ये तीनों व्यक्ति सप्तसागर दवा मंडी के कोरोना पॉजिटिव व्यापारी के संपर्क में आए थे. इनमें महमूरगंज के 43 वर्षीय एक दवा व्यवसायी हैं. जबकि 25 वर्षीय युवक व दूसरे संक्रमित व्यक्ति की दुकान संक्रमित व्यापारी की दुकान आस-पास है. जबकि 29 वर्षीय तीसरा संक्रमित व्यक्ति सप्त सागर मंडी में एक दुकान में काम करने वाला कर्मचारी है. जिलाधिकारी ने बताया कि अब वाराणसी में संक्रमण के 52 मामले हो गए हैं. अभी तक यहां 14 हॉटस्पॉट थे लेकिन अब तीन नई जगहों को भी हॉटस्पॉट बनाये जा रहे हैं.



दवा की दुकानें भी नहीं खुलेंगी
वाराणसी में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए सभी दुकानों को 3 मई तक पूर्ण रूप से बंद रखने का निर्देश दिया गया है. इस बीच दवा तक की दुकानें नहीं खोली जाएंगी. होम डिलीवरी के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की जाएगी. डीएम ने कहा है कि यदि इस नियम का पालन कोई व्यक्ति नहीं करता पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
पास बनवाने की ये होगी प्रक्रिया


डीएम के इस आदेश के अनुसार 3 मई 2020 की रात्रि तक जनपद में कोई भी दुकान नहीं खुलेगी. राशन, सब्जी, गैस, दूध, दवाई इन सब की होम डिलीवरी ही प्रतिदिन शाम 6 बजे तक अनुमन्य होगी. पूर्व से जारी होम डिलीवरी दुकानों और होम डिलीवरी मैन के पास यथावत अनुमन्य रहेंगे. होम डिलीवरी के लिए जो भी रिटेल दुकानदार नया जुड़ कर पास बनवाना चाहते हैं वे जिला पूर्ति अधिकारी से संपर्क कर अपना पास बनवा सकते हैं, साथ ही जनपद की इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन नंबर 1077 पर भी संपर्क कर ऑनलाइन अप्लाई करने के उपरांत अपना रजिस्ट्रेशन नंबर नोट करवा सकते हैं, जिसे नोट करने के बाद उनका ऑनलाइन पास अप्रूव कर दिया जाएगा.



दूध की सप्लाई के लिए ये हैं नियम
दूध की सप्लाई को होम डिलीवरी के अलावा भी छूट देते हुए इसके सभी रिटेल दुकानदारों व रिटेल आउटलेट को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच एक घंटा केवल दूध की बिक्री के लिए अनुमन्य किया गया है. शर्त यह होगी कि वह दुकान का शटर डाउन करके दूध के क्रेट बाहर रखकर केवल दूध की बिक्री करेंगे. किसी अन्य वस्तु की बिक्री यदि करते पाए गए तो दुकान को सीज करा दिया जाएगा. शहरी क्षेत्र में केवल 8 सब्जी मंडी को खोलने के लिए अनुमन्य किया गया है. इनमें भोजूबीर, लमही, पहाड़िया, पंचकोशी, चंदूआ सट्टी, सुंदरपुर, रामनगर चौक और नुआंव मंडी होंगी. ये सब्जी मंडी रात्रि 3 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ही खुलेंगी. ठीक 6 बजे इन्हें बंद करा दिया जाएगा. इन मंडी में केवल रिटेल दुकानदार या ठेले वाले ही सब्जी खरीद पाएंगे. कोई फुटकर कस्टमर इसके अंदर आने के लिए अधिकृत नहीं होगा.

ऑड-इवन व्यवस्था लागू रहेगी
पहाड़िया मंडी में ऑड-इवन व्यवस्था लागू रहेगी तथा इसमें एक दिन में आधी दुकाने ही खुलेंगी. ये सब्जी मंडियां 1 मई की सुबह से खुलनी शुरू होंगी, 30 अप्रैल को कोई सब्जी मंडी नहीं खुलेगी. सप्तसागर, नेहरू मार्किट, बुला नाला दवा की मंडी भी जल्दी खुलेगी, लेकिन अभी खोलने की तारीख का निर्णय नही हुआ है. इसमें ऑड-ईवन का फार्मूला लागू किया जाएगा. शहर में सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल खुले रहेंगे, इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों के अंतर्गत जो दवा की दुकानें व फार्मेसी हैं, वह भी 24 घंटे खुल सकती हैं. बैंक, सरकारी कार्यालय जिनको खोलने के लिए अधिकृत किया गया है या जो अन्य आवश्यक कार्य कर रहे हैं, वे खुले रहेंगे. जो लोग बंद में अनुमन्य हैं वे ही बैंक जा सकेंगे.

पेट्रोल पंप, सामाजिक भोजन के पैकेट देने वाली संस्थाएं, सरकारी कार्य और व्यवस्था में लगे लोग प्रतिबंध से बाहर होंगे. राशन, सब्जी, गैस, दूध, दवाई आदि की होम डिलीवरी देने वाली दुकानें शटर डाउन करके शाम 6 बजे तक खुल सकेंगी. इसके अलावा जो निर्माण कार्य अनुमन्य किए गए हैं और उपरोक्त व्यवस्थाओं से जुड़े हुए लोग और वाहन हैं, उनको छोड़कर सभी प्रकार के पास निलंबित रहेंगे. यह आदेश केवल वाराणसी नगर निगम सीमा के लिए है और ग्रामीण क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा. नगर निगम सीमा में मेडिकल कारणों के अलावा प्रवेश करना प्रतिबंधित होगा. शहर में जो घर से बाहर उपरोक्त कारणों के अलावा बिना मेडिकल इमरजेंसी के निकलेगा या शहर में अंदर आने या शहर के बाहर जाने की कोशिश करेगा उस पर FIR दर्ज की जाएगी.

आरोग्य एप डाउनलोड करना अनिवार्य
जिन लोगों के कार्य अनुमन्य किए गए हैं वह चाहें किसी भी कार्य से जुड़े हुए कर्मचारी व्यवसायी हों, ग्राहक हों या जन-सामान्य हों, कोई भी बिना मास्क और आरोग्य एप डाउनलोड किये बिना यदि घर से बाहर निकले तो ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. शहर में होम डिलीवरी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के लिए होम डिलीवरी के नंबर नगर निगम की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किए गए हैं. डीएम का कहना है कि उपरोक्त एनफोर्समेंट कठोरता से लागू करने के लिए अतिरिक्त अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई जा रही है. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अंतर्गत कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.








मुश्किल में फंसे शोएब अख्तर, 10 करोड़ का मानहानि नोटिस मिला

लाहौर. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) को पीसीबी (PCB) के वकील तफज्जुल रिजवी ने 10 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है. रिजवी ने शोएब अख्तर से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि शोएब अख्तर अपने बयानों को तुरंत वापस लें. बता दें शोएब अख्तर ने मंगलवार को उमर अकमल के मुद्दे पर एक वीडियो बनाया था जिसमें उन्होंने पीसीबी के कानून विभाग और उसके वकील तफज्जुल रिजवी पर खिलाड़ियों के खिलाफ निजी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया था.




शोएब ने पीसीबी के वकील और कानून विभाग को घेरा था
शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने यूट्यूब पर अपलोड किए अपने वीडियो में पीसीबी के कानून विभाग और उसके वकील तफज्जुल रिजवी को नीच और नाकारा बता दिया था. उन्होंने कहा था, 'पीसीबी का कानून विभाग गिरा हुआ और नालायक है. खासतौर पर तफज्जुल रिजवी.'

शोएब  (Shoaib Akhtar) ने कहा था कि रिजवी पिछले 10-15 सालों से पीसीबी के साथ है और वो हर केस हारा है. शोएब ने बोला, 'रिजवी एक केस तो मुझसे भी हारा है. उसने अफरीदी और यूनिस खान को भी अदालत में घसीटा था. हमेशा स्टार खिलाड़ियों की इज्जत होनी चाहिए. दो टके के वकीलों को कोई नहीं जानता. फजल रिजवी पीसीबी से पैसे बनाता है, केस को उलझाता है और फिर हार जाता है.'


LU के शिक्षाशास्त्र की नई विभागाध्यक्ष की सीनियरिटी विवादों में, VC ने मांगी रिपोर्ट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) का शिक्षाशास्त्र विभाग एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार सवाल शिक्षाशास्त्र विभाग की नई विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी पर उठा है. इससे पहले भी ई-कंटेंट चोरी सहित लेन-देन कर परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका लिखवाने के मामले में भी उनका नाम उछला था, जिस पर अभी जांच पूरी भी नहीं हुई थी. अब उनकी सीनियरिटी विवादों के घेरे में है. शिक्षाशास्त्र विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष प्रो. निधि बाला ने डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रशासनिक मिलीभगत से डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी गलत बढ़ाने के साथ-साथ नियम विरुद्ध भी है. उन्होंने रविवार कुलपति से शिकायत कर उनकी सीनियरिटी की जांच की मांग की है. साथ ही पूर्व में चल रही जांच पर अभी तक रिपोर्ट न आने पर सवाल भी खड़े किए हैं. प्रो. निधि बाला की शिकायत पर कुलपति ने डीन आर्ट्स, डीन एकेडेमिक्स व प्रो. SN सिंह की जांच कमिटी बनाकर फैक्ट फाइंडिंग सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.



परीक्षक बनाने पर डाला था दवाब


प्रो. निधि बाला का आरोप है कि बलराम कृष्ण एकेडमी की प्रबंधक प्रोफेसर तृप्ता त्रिवेदी रूहेलखंड विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला की शह पर बोर्ड ऑफ स्टडीज में अपने कॉलेज में मनचाहा एग्जामिनर लगाने के लिए उनके ऊपर प्रशासनिक दबाव बनाया करती थी, जिसके बाद डॉ. निधि ने विभागाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद शिकायत राजभवन में की गई जो आज भी कुलपति कार्यालय में लंबित है. अभी तक उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.