शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

यूजीसी वाइस चेयरमैन बोले, संस्कृत भाषा में ही है भारत को विश्व गुरु बनाने की क्षमता

यूजीसी वाइस चेयरमैन बोले, संस्कृत भाषा में ही है भारत को विश्व गुरु बनाने की क्षमता


यूजीसी के वाइस चेयरमैन प्रो. भूषण पटवर्धन ने गुरुवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि दुनिया भर में संस्कृत और आयुर्वेद के प्रति सम्मान बढ़ा है। दोनों क्षेत्र में जानकारी लेने के लिए लोग भारत आ रहे हैं। ऐसा ही भाव हमें देश के वैज्ञानिकों के अंदर विकसित करना होगा। भारत को विश्व गुरु बनाने की क्षमता अगर किसी भाषा में है तो वह संस्कृत में है। संस्कृत में भारतीय ज्ञान शाखा का जो विस्तृत भंडार उपलब्ध है, उसके आधार को ग्रहण करने की जरूरत है। शास्त्र और विज्ञान को आपस में जोड़ने की जरूरत है। इसमें संस्कृत भाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। प्रो. पटवर्धन दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।





वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में होनहारों को मिले मेडल, 22 हजार से ज्यादा उपाध




प्रो. पटवर्धन ने कहा कि संस्कृत और आयुर्वेद में काफी जानकारियां हैं, जो आज के वैज्ञानिकों के काम आ सकती हैं। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि आयुर्वेद ने काफी पहले यह बताया कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए लक्षण के हिसाब से अलग-अलग दवाएं है। आधुनिक औषधिशास्त्र में एक मर्ज के लिए एक ही दवा पर जोर दिया। अब आधुनिक औषधिशास्त्र ने भी स्वीकार कर लिया है व्यक्ति के जेनेटिक पैटर्न को ध्यान में रखते हुए दवाओं (पर्सनलाइज्ड मेडिसिन) का निर्माण किया जाए। इस पर काम भी चल रहा है। 'आयुर्जीनोमिक्स' एक नई विधा विकसित हुई है। इसी तरह से प्राचीन शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, जिन्हें संस्कृत के सामने लाया सकता है।


गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हुए कई उपाय
यूजीसी के वाइसचेयरमैन प्रो. भूषण पटवर्धन ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास चल रहे हैं। इसमें मूल्यांकन प्रणाली में सुधार, अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग को बढ़ावा आदि शामिल है। यूजीसी ने नए भर्ती हुए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार किया है। 


सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ें युवा: आनंदीबेन पटेल


राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के छात्रों का आह्वान किया है कि वे पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े। आज की शिक्षा प्रणाली सिर्फ प्रमाणपत्र जुटाने वाली प्रणाली है। प्रमाणपत्र देने में भी कमियां हैं। संस्कृत शिक्षा में यह दोष न आने पाए। इस पर विद्वानों को सतर्क रहना होगा। राज्यपाल गुरुवार को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहीं थीं। 
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बार फिर पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत है। उन लोगों के बारे में सोचना जरूरी है जो किसी कारणवश पढ़ाई से वंचित रहे, जिन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला। आनंदीबेन ने कहा समाज की भलाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को मिल सके, इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण अपनाने और भोजन की बर्बादी रोकने जैसे तमाम अभियान हैं, जिससे युवाओं को जुड़ने की जरुरत है। 


32 को गोल्ड मैडल, 22726 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई


संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को आयोजित 37वें दीक्षांत समारोह में 22726 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलावा 26 शोध छात्र-छात्राओं को भी  पीएचडी की उपाधि दी गई। समारोह में  32 छात्र-छात्राओं को 57 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। स्वर्ण पदक वालों की सूची में शामिल छह छात्र समारोह मे उपस्थित नहीं हो सके। संस्कृत भारती के संस्थापक चमुकृष्ण शास्त्री को डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। समारोह का संचालन कुलसचिव राजबहादुर और प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी ने किया। समारोह के मुख्य अतिथि यूजीसी के वाइस चेयरमैन प्रो.भूषण पटवर्धन थे। अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट कुलपति प्रो.राजाराम शुक्ल ने प्रस्तुत की। उन्होंने अतिथियों का स्वागत भी किया। कार्यक्रम का शुभारंभ शैक्षिक शिष्टमंडल की शोभायात्रा से हुआ। 


आंबेडकर तिराहे पर चक्काजाम कर किया प्रदर्शन

आंबेडकर तिराहे पर चक्काजाम कर किया प्रदर्शन


पुलिस उत्पीड़न के विरोध में दीवानी न्यायालय के आक्रोशित अधिवक्ताओं ने गुरुवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अम्बेडकर तिराहे पर चक्काजाम कर वकील धरने पर बैठ गए। चार घंटे तक कचहरी मार्ग अवरुद्ध रहा। एम्बुलेंस व स्कूली वाहनों के अलावा किसी को भी नहीं जाने दिया गया। मौके पर पहुंचे सीओ सिटी व एडिशनल एसपी ने अधिवक्ताओं से वार्ता की। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।अधिवक्ता एसपी को को बुलाने पर अड़े रहे। साढे तीन बजे जाम समाप्त हुआ। अधिवक्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शुक्रवार को साढ़े दस बजे तक पुलिस अधीक्षक अधिवक्ताओं से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर दोषी थानेदारों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करते तो हाइवे जाम कर दिया जाएगा। अधिवक्ता पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। मालूम हो कि मडि़याहूं क्षेत्र टेकारडीह निवासी अधिवक्ता शिवम सिंह व जफराबाद क्षेत्र के करमही निवासी सुनील मिश्र ने पुलिस के खिलाफ संघ को प्रार्थना पत्र दिया था कि थाने पर ले जाकर उन्हें गाली देते हुए पीटा गया। लाकअप में बंद करने का आरोप लगाया है। आये दिन वकीलों पर हो रहे पुलिसिया उत्पीड़न से वकील आर पार का मन बना लिया है। वकील दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का मांग किए।


जीएनएम की छात्रा हुई जहरखुरानी का शिकार, मौत

जीएनएम की छात्रा हुई जहरखुरानी का शिकार, मौत











आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र स्थित खुजरवा गांव निवासी जीएनएम की छात्रा गुरुवार को जहरखुरानों की शिकार हो गयी। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। परिजनों को सूचना दे दी गयी है। 21 वर्षीय सिम्पल नामक छात्रा पूर्वान्ह 10 बजे अपने 14 साल के भाई के साथ आटो से जिला अस्पताल पहुंची थी। उसे उल्टी की शिकायत थी। इलाज के दौरान दो घंटे बाद उसकी मौत हो गयी। बहन की मौत से सदमे में आया भाई कुछ भी बताने की स्थिति नहीं है।जानकारी के अनुसार तरवां (आजमगढ़)थानाक्षेत्र के खजुरवा गांव निवासी छात्रा सिम्पल खरवार 21 पुत्री विवेक खरवार दिल्ली जीएनएम की परीक्षा देने गयी थी। उसके साथ में उसका छोटा भाई शिवम था। परीक्षा देने के बाद दोनों किसी ट्रेन में सवार होकर वापस घर आ रहे थे। छोटे भाई शिवम के अनुसार कानपुर में उसकी बहन चाय पी। इसके बाद उसे उल्टी शुरू हो गयी। तवीयत अधिक खराब होने पर टेम्पो में बैठकर अस्पताल आयी। यहां इलाज चल रहा था कि मौत हो गयी। परिवार के लोगों को शिवम के मोबाइल से फोन कर घटना की जानकारी दे दी गयी थी। अस्पताल वालों ने छात्रा की लाश को शवगृह में रखवा दिया। शाम तक पीएम के लिए मेमो कोतवाली नहीं पहुंचा था और न ही मृतकों के रजिस्टर में ही छात्रा का नाम अंकित था। बदहवास भाई सिर्फ इतना बता पाया कि किसी ट्रेन से दिल्ली से आया लेकिन ट्रेन का नाम नहीं मालुम। रेलवे पुलिस भी नहीं बता पायी कि वह किस ट्रेन आयी थी। बस इतना पता है कि वह दिल्ली से ट्रेन से आयी है। इलाज करने वाले डाक्टर डीएस कुमार ने बताया कि छात्रा के शरीर में जहर फैल गया था। अब उसने खुद खाया या फिर किसी ने किसी चीज में खिला दिया था। यह पीएम के बाद ही पता चल पाएगा।














  •  

  •  

  •  

  •  




शनिवार, 30 नवंबर 2019

यूपी नर्स भर्ती: एनएचएम में नर्स भर्ती की पूरे प्रदेश में होगी जांच

यूपी नर्स भर्ती: एनएचएम में नर्स भर्ती की पूरे प्रदेश में होगी जांच


यूपी के बागपत में आठ नर्सों की फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर हुई पोस्टिंग से हड़बड़ाए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) प्रशासन ने सभी जिलों में मातृ स्वास्थ्य योजना के तहत नर्सों की भर्तियों की जांच कराने का फैसला किया है। इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं। बागपत में फर्जी नियुक्ति पत्र पर आठ नर्सों की पोस्टिंग में सीएमओ की भूमिका भी शक के घेरे में आ गई है। 


एनएचएम प्रशासन ने वहां के डीएम को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने और फर्जी नर्सों के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरी दिलाने के पीछे किसी बड़े रैकेट का हाथ होने की आशंका जताई है। 


एनएचएम की प्रदेश इकाई की महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुधा यादव ने बताया कि एनएचएम ने स्ट्रेज्डी एलायंस मैनेजमेंट सर्विसेज (सैम्स) दिल्ली की एजेंसी को नर्सों की भर्ती करने का जिम्मा दे रखा है। बागपत में इसी नवंबर में आठ नर्सें फर्जी नियुक्ति पत्र लाईं और वहां के सीएमओ ने नर्सों के जमा किए गए प्रपत्रों का सत्यापन किए बिना उन्हें ज्वाइन करा दिया। उन नर्सों की पोस्टिंग तक कर दी गई। 


सीएमओ की भूमिका भी संदेह के घेरे में
बागपत के एनएचएम के जिला परियोजना प्रबंधक को इन नर्सों की पोस्टिंग फर्जी नियुक्ति के आधार पर होने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी एनएचएम के लखनऊ स्थित मुख्यालय को दी। सीएमओ ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया। एनएचएम मुख्यालय के सैम्स से पूछने पर बताया गया कि उन्होंने जून के बाद किसी भी नर्स का चयन नहीं किया है। तब बागपत के सीएमओ को इन नर्सों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस पर सीएमओ ने खुद न प्राथमिकी दर्ज कराकर जिन पीएचसी और सीएचसी पर इन नर्सों की पोस्टिंग की गई थी, वहां के मेडिकल अफसरों को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। स्थिति यह है कि शुक्रवार को दोपहर बाद तक नर्सों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। इसी के बाद बागपत के जिलाधिकारी को फोन कर नर्सों के खिलाफ एफआईआर कराकर पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा गया है।


- एनएचएम की मातृ स्वास्थ्य योजना के तहत पूरे प्रदेश में 6240 स्टाफ नर्सें काम कर रही हैं। 
- इस साल योजना के तहत 10 जून तक 1128 नर्सों को ऑफर लेटर भेजा गया। इनमें 611 ने ज्वाइन भी कर लिया। जून के बाद कोई भर्ती नहीं हुई है।


जसजीत कौर (एडिशनल मिशन निदेशक, नेशनल हेल्थ मिशन, उत्तर प्रदेश) ने कहा- बागपत का मामला सामने आने के बाद अब सभी जिलों में नर्सों की भर्ती की जांच की जाएगी। 
 


1382000 किसानों की 2000 रुपये की चौथी किस्त पर संकट, डाटा सुधार का आज आखिरी मौका

1382000 किसानों की 2000 रुपये की चौथी किस्त पर संकट, डाटा सुधार का आज आखिरी मौका









गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के 13.82 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिलने वाली 2000-2000 रुपये की चौथी किस्त संकट में है। इन किसानों के पंजीकरण में दर्ज नाम में गलतियां हुई हैं। इन किसानों को अपने आधार कार्ड में लिखे नाम के अनुसार पंजीकरण सूची में नाम दुरुस्त कराना है।


हिन्दुस्तान खास
पीएम किसान योजना
30 नवंबर डाटा दुरुस्त करने की अंतिम तारीख
01 दिसंबर से मिलनी शुरू होगी चौथी किस्त 
 


कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल ने गोरखपुर और बस्ती मण्डल के 15.22 लाख किसानों का डाटा दुरुस्त करने के लिए भेजा था। मिली जानकारी के मुताबिक 23 नवंबर तक सिर्फ 1.39 लाख किसानों के नाम को आधार कार्ड के हिसाब से दुरुस्त किया जा सका। 30 नवंबर तक सभी किसानों का डाटा दुरस्त कर लिया जाता है तो एक साथ सभी के खाते में पीएम किसान निधि के अंतर्गत मिलने वाली 2000 रुपये की चौथी किस्त पहुंच जाएगी। अन्यथा किसान इस योजना से वंचित हो जाएंगे। योजना की दूसरी किस्त में आधार सीडिंग अनिवार्य नहीं था। लेकिन तीसरी किस्त के दौरान जब अनिवार्य किया गया तो बड़ी संख्या में किसान वंचित हो रहे थे। लिहाजा केंद्र सरकार ने इस शर्त पर छूट दी कि 30 नवंबर तक सभी की आधार सीडिंग कर दी जाएगी।


 यहां कराएं डाटा दुरुस्त
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने किसानों का डाटा दुरुस्त कराने के लिए सुविधा प्रदान की है। किसान जनसेवा केंद्र (सीएससी) द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत नए पंजीकरण, आधार एवं अन्य अपडेटशन करा सकते हैं। यह कार्य PMKISHAN.GOV.IN के FARMERS CORNER लिंक पर किया जाएगा। सीएससी पर पंजीकरण के लिए सिर्फ 15 रुपये और अपडेशन एवं डाटा सुधार के लिए सिर्फ 10 रुपये का शुल्क देना है। सीएससी द्वारा बेनीफीशरी स्टेट्स पोर्टल पर निशुल्क चेक किया जाएगा।


खुद भी कर सकते हैं डाटा सुधार
एंड्रायड फोन का इस्तेमाल करने वाले किसान डाटा सुधार, नया पंजीकरण एवं अपडेशन का कार्य स्वयं भी अपने मोबाइल पर कर सकते हैं। इसके अलावा सभी तहसीलों और ब्लाक पर कृषि बीज भंडार पर भी शिविर लगा कर नए पंजीकरण, डाटा अपडेशन और डाटा सुधार का कार्य किया जा रहा है।


जिलावार आधार डाटा सुधार की स्थिति
जिला- आधार सुधार- लंबित सुधार
कुशीनगर- 13930-243206
गोरखपुर- 24559- 234928
सिद्धार्थनगर- 09217- 205494
महराजगंज- 26172- 198532
देवरिया- 25685- 189731
बस्ती- 15243-188625
संतकबीरनगर- 6481-122083
कुल- 139287- 1382599
(आंकड़े 23 नवंबर तक)


''किसानों को चाहिए कि 30 नवंबर तक डाटा सुधार, नया पंजीकरण करा लें। ताकि चौथी किस्त मिलने में कोई दिक्कत न आए। कृषि विभाग के खण्ड कार्यालयों के अलावा सीएससी केंद्र पर भी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।''
डॉ ओमबीर सिंह उपनिदेशक कृषि









रविवार, 12 मई 2019

कांग्रेसियों ने कलक्ट्रेट में दिया धरना

कांग्रेसियों ने कलक्ट्रेट में दिया धरना


जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया। किसानों के गन्ना मूल्य के समर्थन में व पराली जलाए जाने के खिलाफ व कानून व्यवस्था को लेकर जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज के नेतृत्व में कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में पहुंचे।


इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में जौनपुर के गन्ना किसानों का 450 समर्थन मूल्य को बढ़ाया जाए, प्रदेश की योगी सरकार किसान गुहार लगाकर थक चुके हैं। उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ बनाये गये मुकदमे में सरकार तुरंत वापस लें। पीयू के कुलपति प्रो. राजाराम यादव विवादों के कारण हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। कुलपति अपनी कार्यप्रणाली की निंदा को लेकर पीयू के इतिहास में सबसे अधिक आलोचना झेलने वाली कुलपति हैं। कुलपति के कार्यकाल में तमाम प्रकार की अन्य अत्याचार, भ्रष्टाचार हुए हैं न्यायिक जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाए और जौनपुर में आए दिन लूट, हत्या, डकैती, बलात्कार हो रहा है अपराधियों का बोलबाला है, जनपद में गुंडाराज कायम है जिससे जनपद के व्यापारी व जनता भय खौफ में जी रही है। इस मौके पर कांग्रेसी नेता राधेश्याम पाण्डेय, नियाज ताहिर शेखू, देवानंद मिश्रा, सौरभ शुक्ला, विकास तिवारी, केडी सिंह, आज़म ज़ैदी, राकेश सिंह डब्बू, नीरज राय, विवेक सिंह, अनिल सोनकर, धर्मेन्द्र निषाद, मनोज कुमार मिश्रा, राम प्रसाद पाल, धर्मराज, सद्दाम शमशाद, इंद्रमणि दुबे, सत्यवीर सिंह, गौरव सिंह सनी, नायब हसन सोनू, सरफराज हुसैन, हसन जाहिद बाबू, मुफ्ती मेहंदी, बेलाल नदीम, अशरफ, रूमी आब्दी, शिव मिश्रा, बब्बी खां, विनय तिवारी, अशरफ अली आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। संचालन विशाल सिंह हुकूम ने किया।